Ad Image
Ad Image
चुनाव आयोग: EPIC नहीं तो 12 वैकल्पिक ID प्रूफ से कर सकेंगे मतदान || बिहार विधानसभा चुनाव 25 : 121 सीट के लिए अधिसूचना जारी || गाजा युद्ध विराम की निगरानी के लिए 200 अमेरिकी सैनिक होंगे तैनात || इजरायल और हमास ने किए गाजा शांति योजना पर हस्ताक्षर: राष्ट्रपति ट्रंप || टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा दें युवा डॉक्टर: राष्ट्रपति मुर्मू

नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर |

गोरखपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं से देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में चिकित्सा सेवा देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद आवश्यकता है और युवा डॉक्टरों को वहां समाज की सेवा में जुटना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पहले दीक्षांत समारोह में देशभर से आए युवा डॉक्टरों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश के विकास में डॉक्टरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, और उन्हें केवल बीमारियों का इलाज ही नहीं, बल्कि एक स्वस्थ समाज की नींव रखने का भी कार्य करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में अब भी अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है। ऐसे में युवा डॉक्टरों को इन क्षेत्रों की ओर रुख करना चाहिए और समाज के उन वर्गों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचानी चाहिए, जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है।

उन्होंने मेडिकल शिक्षा से जुड़े सभी संस्थानों से आग्रह किया कि वे छात्रों को शुरुआत से ही ऐसा माहौल दें, जिसमें सहानुभूति, संवाद, और विश्वास निर्माण जैसे गुण विकसित हो सकें। साथ ही, डॉक्टरों को यह समझना होगा कि चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि मानवीय सेवा है।

राष्ट्रपति ने एम्स संस्थानों की सराहना करते हुए कहा कि ये भारत की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक बन चुके हैं और हर मरीज को एक नई उम्मीद देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एम्स ने अनुसंधान, नवाचार और आधुनिक चिकित्सा तकनीक के माध्यम से विश्वस्तरीय मानक स्थापित किए हैं।

उन्होंने अंत में डॉक्टरों से अपील की कि वे करुणा और ईमानदारी को अपनी कार्यशैली का हिस्सा बनाएं और समाज के सबसे ज़रूरतमंद तबकों की सेवा में आगे आएं।