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इज़रायल युद्ध जीत रहा, लेकिन जनसंपर्क में हार रहा: ट्रंप

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़रायल और गाज़ा के बीच जारी संघर्ष पर चिंता जताते हुए कहा है कि भले ही इज़रायल सैन्य मोर्चे पर बढ़त बनाए हुए है, लेकिन जनसंपर्क और वैश्विक धारणा की लड़ाई में वह पीछे रह रहा है। ट्रंप ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से स्थिति पर तुरंत नियंत्रण करने का आह्वान किया है।

ट्रंप का बयान

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाज़ा में संघर्ष तेज़ हुआ है और इज़रायल ने कई सैन्य सफलताओं का दावा किया है। टाइम्स ऑफ इज़रायल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि "इज़रायल मैदान में जीत रहा है, लेकिन दुनिया की नज़रों में हार रहा है।" उनका यह बयान 2024 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान व्यक्त की गई उसी राय से मेल खाता है, जब उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ चुनावी अभियान में इज़रायल के घटते अंतर्राष्ट्रीय समर्थन का मुद्दा उठाया था।

2024 में ट्रंप ने आरोप लगाया था कि इज़रायल ने दुनिया भर में अपना बहुत सारा समर्थन खो दिया है। उन्होंने तब इज़रायल से आक्रामक अभियानों को समाप्त करने का आग्रह भी किया था। उस समय उनके बयान ने अंतर्राष्ट्रीय बहस को और तेज़ कर दिया था।

अमेरिका की राजनीति और इज़रायल

शुक्रवार को डेली कॉलर को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि करीब 15 साल पहले तक अमेरिकी कांग्रेस में इज़रायल का दबदबा बेहद मजबूत था। उन्होंने कहा, "एक समय था जब आप इज़रायल के खिलाफ कुछ भी नकारात्मक नहीं कह सकते थे। अगर आप राजनीति में आगे बढ़ना चाहते थे तो इज़रायल का समर्थन करना अनिवार्य था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।"

इज़रायल की छवि पर असर

विश्लेषकों का मानना है कि गाज़ा में लगातार बढ़ती मानवीय त्रासदी ने वैश्विक जनमत को इज़रायल के खिलाफ मोड़ दिया है। हजारों नागरिकों की मौत और विस्थापन की खबरें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहानुभूति बटोर रही हैं। संयुक्त राष्ट्र और कई यूरोपीय देशों ने इज़रायल से संयम बरतने और युद्धविराम का आग्रह किया है।

ट्रंप का बयान यह दर्शाता है कि अमेरिका की राजनीति में भी इज़रायल के प्रति नजरिया धीरे-धीरे बदल रहा है। जहां एक ओर सैन्य दृष्टि से इज़रायल को बढ़त मिलती दिख रही है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय जनमत में उसकी छवि को नुकसान पहुंच रहा है। ट्रंप का कहना है कि यदि स्थिति पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया, तो इज़रायल के लिए दीर्घकालिक रणनीतिक चुनौतियां और गहरी हो सकती हैं।