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ऑस्ट्रिया: ग्राज़ में स्कूल में गोलीबारी: 10 की मौत

विशेष रिपोर्ट: ऋषि राज

ऑस्ट्रिया के ग्राज़ में स्कूल में गोलीबारी: 10 की मौत, हमलावर भी मारा गया

मंगलवार, 10 जून 2025 को ऑस्ट्रिया के ग्राज़ शहर के एक माध्यमिक विद्यालय में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक बंदूकधारी ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस घटना में कुल 9 लोगों की मौत हो गई, और अंत में हमलावर ने खुद को भी गोली मार ली, जिससे मृतकों की कुल संख्या 10 हो गई। गोलीबारी के दौरान स्कूल में अफरा-तफरी मच गई और कई छात्र व स्टाफ सदस्य अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

हमलावर एक अकेला युवक बताया जा रहा है, जिसकी पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या वह स्कूल का पूर्व छात्र था, या फिर किसी मानसिक अस्थिरता से जूझ रहा था। हमले में मरने वालों में स्कूल के छात्र, शिक्षक और अन्य स्टाफ सदस्य शामिल हैं। स्थानीय अधिकारियों ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और उनकी पहचान की प्रक्रिया चल रही है।

यह भयानक गोलीबारी मंगलवार, 10 जून 2025 को सुबह के समय हुई। घटना उस वक्त हुई जब स्कूल में कक्षाएं शुरू होने वाली थीं और छात्र व शिक्षक अपनी दिनचर्या में लगे हुए थे। इस समय स्कूल में काफी भीड़ थी, जिससे हताहतों की संख्या बढ़ गई।

यह घटना ऑस्ट्रिया के दक्षिणी शहर ग्राज़ में स्थित एक माध्यमिक विद्यालय (Secondary School) में हुई। ग्राज़ ऑस्ट्रिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और यह स्टायरिया प्रांत की राजधानी है। स्कूल का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यह एक शहरी क्षेत्र में स्थित है।

हमले के पीछे की मंशा अभी स्पष्ट नहीं है। पुलिस और जांच एजेंसियां घटना के हर पहलू की गहन जांच कर रही हैं। प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिल रहा है कि हमला व्यक्तिगत मानसिक तनाव या किसी तरह की व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम हो सकता है। फिलहाल, इस हमले का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं पाया गया है, और अधिकारी इस दिशा में कोई पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

हमलावर हथियार लेकर स्कूल परिसर में घुस गया। सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए, उसने बिना किसी चेतावनी के गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी की आवाज सुनते ही स्कूल प्रशासन ने तुरंत अलार्म बजाया और आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किया, लेकिन तब तक कई लोगों की जान जा चुकी थी। पुलिस और आपातकालीन दल कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गए और स्कूल को घेर लिया। जब पुलिस हमलावर के करीब पहुंची, तो उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पिछले 40 सालों में यूरोप में प्रमुख गोलीकांड:

  • 1996    डनब्लेन, स्कॉटलैंड   एक बंदूकधारी ने प्राथमिक स्कूल में घुसकर 16 विद्यार्थियों व 1 शिक्षक की हत्या की।
  • 2002    एरफर्ट, जर्मनी    पूर्व छात्र ने दो स्थानों पर गोलीबारी में कुल 16 लोगों को मौत के घाट उतारा।
  • 2007    हेलसिंकी, फ़िनलैंड    एक छात्र ने स्कूल में 8 लोगों को गोली मार दी।
  • 2009    विंननडेन, जर्मनी    17 वर्षीय व्यक्ति ने स्कूल और आसपास के इलाके में 15 लोगों की हत्या की।
  • 2011    ऑस्लो/ऊत्जोया, नॉर्वे    एंडर्स ब्रेविक ने पहले ऑस्लो में बम विस्फोट किया, फिर युवा शिविर में गोलियां चलाई — मरने वालों की संख्या करीब 77।
  • 2015    पेरिस, फ़्रांस    'चार्ली हेब्डो' और अन्य जगहों पर हमलों में कुल 17 लोग मारे गए।
  • 2016    म्यूनिख, जर्मनी    एक किशोर ने मॉल में गोलीबारी की, जिसमें 9 लोग मारे गए।
  • 2025    ग्राज़, ऑस्ट्रिया    एक माध्यमिक विद्यालय में हमलावर ने 10 लोगों को मौत के घाट उतारा।

ग्राज़ की यह घटना सामाजिक सुरक्षा और स्कूली संरचनाओं की चिंताजनक स्थिति को उजागर करती है; यूरोपीय देशों को भी अमेरिकी शैली की बंदूक हिंसा से जूझना पड़ रहा है। सुरक्षा इंतजामों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर तुरंत ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक महसूस हो रही है।