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करसोग हादसा: गाय को बचाने उतरे जीजा-साले बहे, 8 दिन बाद 100 KM दूर मिला एक का शव

लोकल डेस्क, नीतीश कुमार |

30 जून की रात करसोग में बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। रात करीब 11:30 बजे दो अलग-अलग स्थानों पर बादल फटे, जिसमें तीन लोग चपेट में आ गए। इनमें से दो के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि तीसरे की तलाश अब भी जारी है।

पहले व्यक्ति का शव उसी रात मिल गया था, जबकि कुटी गांव निवासी ललित कुमार का शव आठ दिन बाद घटनास्थल से करीब 100 किलोमीटर दूर करला क्षेत्र में सतलुज नदी से मिला है।

साले का अब तक नहीं चला कोई पता;
41 वर्षीय ललित कुमार, पुत्र टेक चन्द, करसोग के कुटी गांव के रहने वाले थे। वह खेती-बाड़ी कर अपने परिवार का गुजारा कर रहे थे और लीज पर जमीन लेकर सब्जियां उगाते थे। घटना वाले दिन वह अपने साले के साथ गोशाला में बंधी गाय को बचाने गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ललित और उनके साले को आए तेज सैलाब ने गोशाला समेत बहा दिया।

निहरी पुलिस ने शव को बरामद कर सौंपा करसोग पुलिस को;
स्थानीय लोगों ने जब सतलुज नदी में शव को तैरते देखा तो तुरंत पुलिस को जानकारी दी। निहरी पुलिस ने शव को पानी से निकालकर पहचान के लिए परिजनों को बुलाया। पहचान के बाद शव को करसोग पुलिस को सौंप दिया गया। नागरिक अस्पताल करसोग में पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंपा गया, जिसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के समय करसोग प्रशासन भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए उपस्थित रहा।