
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति सामाजिक पूर्वाग्रहों के बीच एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को जब मंगलुरु में ऑटोरिक्शा चालकों ने अपने वाहन में बैठाने से मना कर दिया, तो उन्होंने चार ऑटोरिक्शे खुद खरीद लिए और उन्हें किराए पर चलवाना शुरू किया। इस कदम के जरिए उन्होंने यह साबित किया कि ट्रांसजेंडर किसी भी दृष्टि से महिला या पुरुष से कम नहीं हैं।
एनी नामक यह ट्रांसजेंडर मूल रूप से रायचूर की रहने वाली हैं और शिक्षा के लिए मंगलुरु आई थीं, जहाँ अब वह स्थायी रूप से बस चुकी हैं। उन्होंने बीए की पढ़ाई पूरी की और बीएड के दो सेमेस्टर भी पूरे किए, लेकिन जब उन्हें यह महसूस हुआ कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए शिक्षा क्षेत्र में रोजगार मिलना बेहद कठिन है, तो उन्होंने आगे की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। एनी का कहना है कि जीवन में उन्हें कई बार अपमान का सामना करना पड़ा, लेकिन इन्हीं अनुभवों में से एक ने उनके जीवन की दिशा बदल दी।