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केंद्रीय सरकार नई श्रम नीति वापस ले: रत्नेश वर्मा

लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |
ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में निकाली रैली, किया प्रदर्शन और सभा
रक्सौल (पूर्वी चंपारण) आज बुधवार को ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन (ECREU, निबंधन संख्या - 4065) ने AICCTU सहित भारत के सभी ट्रेड यूनियनों द्वारा नई श्रम नीति और अन्य मुद्दों के विरोध में किए जा रहे देशव्यापी आम हड़ताल के समर्थन में रैली, प्रदर्शन और सभा का आयोजन किया।
रैली की शुरुआत स्थानीय रक्सौल रेलवे स्टेशन के पास ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन के केंद्रीय जोनल जॉइंट सेक्रेटरी श्री रत्नेश वर्मा के नेतृत्व में हुई, जहाँ विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की गई।
मुख्य बातें और यूनियन की मांगें:
मजदूरों की दयनीय स्थिति:  रत्नेश वर्मा ने कहा कि देश में मजदूरों की स्थिति बहुत दयनीय है। कई निजी ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। निजीकरण और निगमीकरण का विरोध: रेल कर्मचारियों पर निजीकरण/निगमीकरण थोपा जा रहा है।

  • सेवा समीक्षा नीति पर आपत्ति: 55/30 की सर्विस रिव्यू पॉलिसी का विरोध किया गया।
  • NPS/UPS की वापसी और OPS की मांग: सरकार द्वारा पहले NPS और अब UPS थोपा गया है। यूनियन की मुख्य मांग है कि NPS और UPS को हटाकर सीधे पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) लागू की जाए। श्री वर्मा ने जोर देकर कहा कि उन्हें एकमात्र पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) से कम कुछ भी मंजूर नहीं है और पूरे देश की पेंशन प्रणाली एक ही होनी चाहिए।
  • श्रम संहिताओं का विरोध: 29 श्रम संहिताओं को हटाकर केवल 04 लेबर कोड बिल लाने को मजदूरों के हितों पर कुठाराघात बताया गया।
  • कर्मचारियों की कमी और कार्यभार: रेलवे में कर्मचारियों की भारी कमी है, जिससे रेलकर्मियों पर अत्यधिक कार्य का बोझ है। इस कारण लगातार रन-ओवर हादसे हो रहे हैं।
  • सेफ्टी उपकरण और बीमा: ट्रैक पर कार्य करने वाले सभी रेलकर्मियों को जीवन रक्षक यंत्र और ₹1 करोड़ के जीवन बीमा का प्रावधान करने की मांग की गई।
  • ड्यूटी रोस्टर में सुधार: पॉइंट्स मैन और गेटमैन के लिए 12 घंटे और सिग्नल आर्टिजन स्टाफ के लिए 24 घंटे की ड्यूटी का विरोध करते हुए 8 घंटे का ड्यूटी रोस्टर लागू करने की मांग की गई।
  • रेल बजट का बंद होना: 1924 से लागू रेल बजट को 2016 में बंद करने पर भी आपत्ति जताई गई।

ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन द्वारा समर्थित प्रमुख मुद्दे:

  • पूंजीवाद परस्त चारों लेबर कानून को निरस्त किया जाए।
  •  NPS/UPS को समाप्त कर OPS लागू किया जाए।
  •  रेलवे में प्रतिवर्ष 2% कर्मचारी पोस्ट सरेंडर करने के आदेश पर अविलंब रोक लगाई जाए।
  •  रेलवे में सभी रिक्तियों को भर्ती के माध्यम से अविलंब भरा जाए।
  • रेलवे के कई विभागों के कार्यों को आउटसोर्स करने के बजाय नई भर्ती की जाए।
  • समान काम, समान वेतन के तहत रेलवे में कार्यरत ठेका मजदूरों को समान वेतन दिया जाए।
  • 8वें वेतन आयोग में पति-पत्नी, 2 बच्चे एवं बूढ़े मां-बाप (कुल 6 व्यक्ति) को आधार मानकर वेतन का निर्धारण 3.5 गुना रखा जाए।
  • 2024-2025 के P.L.B. बोनस का भुगतान सातवें वेतन आयोग के वेतन को आधार मानकर किया जाए।
  • 14/2 काला कानून को समाप्त किया जाए।
  • 55/30 के सर्विस रिव्यू पर रोक लगाई जाए।
  • सभी विभागों में आठ घंटे का ड्यूटी रोस्टर लागू किया जाए।
  • सिग्नल एवं टेलीकॉम विभाग में नाइट फेलियर गैंग का प्रावधान हो।
  • रक्सौल में रेलवे अस्पताल बनाया जाए।
  • सभी एल.सी. गेट पर C.C.T.V. लगाया जाए।
  • टी.ए., एन.डी.ए., ओ.टी. आदि भत्तों का समय पर भुगतान हो।
  • रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार सभी ओपन लाइन कर्मचारियों को सेफ्टी शू, विंटर जैकेट, रेनकोट समय से मुहैया कराया जाए।
  • सेफ्टी कैटेगरी के स्टाफ के लिए त्रैमासिक फैमिली सेमिनार का आयोजन किया जाए।
  • ट्रैक क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी विभाग के कर्मचारियों को अविलंब जीवन रक्षक यंत्र दिया जाए।
  • सभी कर्मचारियों के लिए रेलवे आवास, गैंग हट, टूल कक्ष सह विश्राम कक्ष बनवाया जाए।
  • रेलवे इम्पेनल्ड अस्पतालों में UMID कार्ड के आधार पर इलाज हो।
  • ट्रांसफर पॉलिसी में सुधार कर पारदर्शी बनाया जाए, प्रायोरिटी लिस्ट के अनुसार ट्रांसफर हो और अफसरशाही बंद हो।
  • सभी विभाग के आर्टिजन स्टाफ को रिस्क एंड हार्डशिप भत्ता दिया जाए।
  • सभी रन-ओवर हादसों की न्यायिक जांच कराई जाए तथा रेल कर्मचारियों को ₹1 करोड़ का बीमा किया जाए।
  • L.D.C.E. एवं G.D.C.E. परीक्षा प्रत्येक वर्ष लिया जाए।
  • रेल कर्मचारियों की सभी स्थानीय समस्याओं को अभिलंब दूर किया जाए।

शांतिपूर्ण रहा प्रदर्शन:
रैली के बाद स्टेशन के नजदीक शांतिपूर्ण नैतिक समर्थन सभा की गई, जिससे रेल परिचालन में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई। इस कार्यक्रम में  रत्नेश वर्मा के साथ  रौशन कुमार,  रवि रंजन,  शत्रुघ्न प्रसाद,  संजय कुमार, दीपक कुमार,  शिवम कुमार, कृष्ण कुमार, प्रभात कुमार,  अजय कुमार,  ओम शंकर,  बरुन कुमार,  रामनाथ राय,  जीतेन्द्र कुमार,  सोनू कुमार,  सुरेंद्र दास,  बिनोद कुमार, कांत कुमार,  आजाद कुमार,  अंगद कुमार साह,  रामाशीष महतो, लालबहादुर पासवान,  रामधारी पंडित, सुरेश कुमार पासवान,  प्रेमसुन्दर यादव, प्रमोद कुमार,  अभिषेक कुमार, राकेश पासवान,  रमेश कुमार आदि प्रमुख कर्मचारी उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU) और 9 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का हिस्सा था, जिसे ECREU, AILRSA, RKTA, STAIR, AIGC, AIRTU और कई अन्य यूनियनोंएसोसिएशनों का समर्थन प्राप्त है।