
स्पेशल रिपोर्ट: आकाश अस्थाना
नई दिल्ली: भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार मुकाबला है राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन तथा इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी के बीच। संख्या बल के हिसाब से राजग का पलड़ा भारी दिख रहा है, लेकिन विपक्ष भी इस चुनाव को लेकर पूरी ताक़त झोंक रहा है।
कौन हैं दोनों उम्मीदवार?
सी. पी. राधाकृष्णन (राजग उम्मीदवार)
- वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल।
- लंबे समय तक बीजेपी से जुड़े रहे और पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते हैं।
- संगठन और राजनीति में गहरी पकड़ के कारण पार्टी ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है।
- उनकी छवि एक अनुभवी, सुलझे और संगठनात्मक क्षमता वाले नेता की रही है।
सुदर्शन रेड्डी (इंडिया गठबंधन उम्मीदवार)
- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश।
- न्यायपालिका में निष्पक्ष और सख्त फैसलों के लिए जाने जाते रहे हैं।
- राजनीति में सक्रिय नहीं रहे, लेकिन विपक्ष उन्हें स्वतंत्र सोच और ईमानदार छवि के कारण सामने लाया है।
- विपक्ष चाहता है कि उनके नाम से सरकार पर नैतिक दबाव बने और लोकतंत्र में संतुलन कायम हो।
उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है?
भारत का उपराष्ट्रपति चुनाव संसद के दोनों सदनों के सांसदों की मौजूदगी में कराया जाता है। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य मतदान करते हैं, जबकि राज्य विधानसभाओं के विधायक इसमें शामिल नहीं होते। चुनाव आयोग इसकी पूरी प्रक्रिया की निगरानी करता है। मतदान गुप्त मतदान प्रणाली से और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट पद्धति के तहत होता है। उपराष्ट्रपति पद खाली होने पर या कार्यकाल समाप्त होने से पहले 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है।
संख्या बल का गणित
- कुल मतदाता सांसद: 781 (लोकसभा 542 + राज्यसभा 239)
- बहुमत के लिए आवश्यक वोट: 391
राजग | इंडिया |
लोकसभा: 293 सांसद | लोकसभा: 249 सांसद |
राज्यसभा: 134 सांसद | राज्यसभा: 105 सांसद |
कुल वोट: 427 (बहुमत से कहीं अधिक) | कुल वोट: 354 (आवश्यक बहुमत से कम) |
मुकाबले का संभावित परिणाम
संख्या बल के हिसाब से यह साफ़ है कि सी. पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है। हालांकि विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारकर एक सशक्त संदेश देने की कोशिश की है कि लोकतंत्र में हर चुनाव एक वैचारिक संघर्ष भी है।
समीकरण यह बता रहे हैं कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति बनने की सबसे प्रबल संभावना सी. पी. राधाकृष्णन की है। विपक्ष का उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी इस चुनाव में नैतिक मजबूती के साथ उतरे हैं, लेकिन संख्या बल की कमी उन्हें पीछे रखेगी।