
नेशनल डेस्क,नीतीश कुमार |
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में बड़े संगठनात्मक बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस बार एक ऐतिहासिक निर्णय की ओर बढ़ रही है और पहली बार किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। शीर्ष नेतृत्व के बीच इस विषय पर लंबे समय से विचार-विमर्श चल रहा है, जिसमें कई सशक्त महिला नेताओं के नामों पर चर्चा की जा रही है। यह फैसला संगठनात्मक संतुलन, महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने और आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर लिया जा सकता है।
चर्चित नामों में कौन-कौन?
1. निर्मला सीतारमण
देश की वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस रेस में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। हाल ही में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष से पार्टी मुख्यालय में मुलाकात की थी, जिसे काफी अहम माना जा रहा है। उनकी नियुक्ति से दक्षिण भारत में बीजेपी की पकड़ मजबूत हो सकती है और यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम भी माना जाएगा। रक्षा और वित्त मंत्रालय जैसे अहम पद संभालने का उनका अनुभव संगठनात्मक नेतृत्व के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
2. डी. पुरंदेश्वरी
आंध्र प्रदेश से सांसद और पूर्व राज्य अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी भी इस सूची में शामिल हैं। वह प्रभावशाली वक्ता हैं और बहुभाषी होने के साथ-साथ उनका राजनीतिक अनुभव भी गहरा है। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया है और दक्षिण भारत में पार्टी की छवि को मजबूत करने में सक्षम मानी जाती हैं।
3. वनथी श्रीनिवासन
तमिलनाडु विधानसभा की विधायक वनथी श्रीनिवासन पार्टी संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं। वकील से नेता बनीं वनथी ने महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर काम किया और केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल होने वाली पहली तमिल महिला भी बनीं। उनका संगठनात्मक कौशल और महिला सशक्तिकरण के लिए सक्रिय भूमिका उन्हें इस पद के लिए योग्य बनाती है।
संघ का रुख कैसा है?
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी महिला नेतृत्व को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया है। उनका मानना है कि महिला नेतृत्व से पार्टी को लाभार्थी वर्ग और महिला मतदाताओं के बीच और मज़बूती मिलेगी। विशेष रूप से महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में महिलाओं का समर्थन बीजेपी को निर्णायक लाभ दिला चुका है।