
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
गोपालगंज के भूतपूर्व सांसद काली प्रसाद पांडेय का दिल्ली में निधन....
गोपालगंज: गोपालगंज के भूतपूर्व सांसद काली प्रसाद पांडेय का बुधवार (22 अगस्त) रात 9:30 बजे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में देहांत हो गया। काफी दिनों से वे अस्वस्थ थे। उनके निधन से समूचे जिले में गम का माहौल छाया है। उनके परिवार में पत्नी, भाई व बीजेपी एमएलसी आदित्य नारायण पांडेय एवं तीन पुत्र शामिल हैं।
रमजीता गांव के निवासी थे काली प्रसाद पांडेय
काली प्रसाद पांडेय गोपालगंज के विशंभरपुर थाना इलाके के रमजीता गांव के मूल निवासी थे। जवानी में उन्होंने गंडक नदी के आसपास सक्रिय अपराधी समूह 'जंगल पार्टी' के विरुद्ध नौजवानों को एकजुट किया। 1980 में पहली बार गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के साथ ही उनकी सक्रिय राजनीतिक यात्रा का आरंभ हुआ।
बाहुबली से 'शेर-ए-बिहार' तक की यात्रा
विधायक के दौरान काली प्रसाद पांडेय एक हत्याकांड में जेल भी गए। इसी समय उन्हें बाहुबली का खिताब हासिल हुआ। 1984 के लोकसभा निर्वाचन में इंदिरा गांधी की हत्या के उपरांत कांग्रेस की लहर के दौरान उन्होंने जेल से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर कांग्रेसी प्रत्याशी नगीना राय को भारी मतों से शिकस्त दी। इस विजय के बाद उनकी पहचान 'शेर-ए-बिहार' के नाम से बनी।
कांग्रेस से विभिन्न दलों का सफर
उनके प्रभाव को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। बाद में वे राजद और लोजपा से भी जुड़े, किंतु पुनः कांग्रेस में वापस लौटे। हालांकि, इसके पश्चात उन्हें चुनावी कामयाबी हासिल नहीं हो सकी।
काली पांडेय के निधन पर गमगीनी
उनके देहांत की सूचना से पूरे गोपालगंज और निकटवर्ती क्षेत्रों में शोक का माहौल है। जनता उन्हें उनकी वीरता, हिम्मत और समाज सेवा के लिए सदैव स्मरण रखेगी।