
लोकल डेस्क, एन.के सिंह |
पूर्वी चंपारण: भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई करते हुए, निगरानी विभाग की एक टीम ने मंगलवार को चिरैया बीआरसी पर छापा मारा। इस कार्रवाई में, पटना से आए निगरानी डीएसपी मो. वसीम फिरोज के नेतृत्व में टीम ने बीआरसी में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रकाश कुमार को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। यह रकम एक शिक्षक के 10 दिनों के वेतन का भुगतान करने के एवज में मांगी गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोपहर करीब एक बजे सादे लिबास में 8 से 10 सदस्यों की निगरानी टीम प्रकाश कुमार के कमरे में पहुंची। कुछ देर की बातचीत के बाद टीम ने उसके पास से 10,000 रुपये बरामद किए। इसके बाद उसे कार्यालय से बाहर लाकर उसके हाथों को पानी से धुलवाया गया, जिससे रिश्वत लेने की पुष्टि हुई। उस समय, बीईओ सरोज कुमार सिंह अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे।
यह मामला नवसृजित प्राथमिक विद्यालय सपगढ़ा वार्ड नंबर तीन के शिक्षक सह भेड़ियाही गांव निवासी मणिभूषण कुमार की शिकायत पर आधारित है। डीएसपी मो. फिरोज ने पुष्टि की कि शिक्षक ने पहले बीईओ और डाटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। शिकायत का सत्यापन होने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद, निगरानी टीम शिक्षक के साथ बीआरसी चिरैया पहुंची। टीम द्वारा दिए गए पैसे को प्रकाश कुमार ने जैसे ही रिश्वत के रूप में स्वीकार किया, उसे तुरंत पकड़ लिया गया। इस छापेमारी की खबर फैलते ही प्रखंड के विभिन्न सरकारी कार्यालयों, खासकर शिक्षा विभाग में, हड़कंप मच गया।
दूसरी ओर, बीईओ सरोज कुमार सिंह ने इस घटना पर अपनी सफाई दी। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता शिक्षक अपने विद्यालय से 10 दिनों तक अनुपस्थित थे। ई-शिक्षा कोष की जांच से पता चला कि शिक्षक 21 जुलाई से 30 जुलाई तक स्कूल नहीं आए थे, जबकि उन्होंने उपस्थिति पंजी में मिलीभगत करके हाजिरी बना रखी थी। उन्होंने कहा कि शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके परिणामस्वरूप, उनका 10 दिनों का वेतन काट लिया गया। बीईओ ने आरोप लगाया कि शिक्षक ने बदले की भावना से उन्हें और ऑपरेटर को फंसाने की साजिश रची है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शिक्षक की नियुक्ति बीपीएससी से प्रधान शिक्षक के पद पर बांका जिले में हुई थी और इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।