जनसुराज हुआ और भी मजबूत: पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह और भोजपुरी स्टार रितेश पांडेय हुए शामिल

स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय ।
जनसुराज को मिली बड़ी ताकत: पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह और भोजपुरी स्टार रीतेश पांडेय हुए शामिल, प्रशांत किशोर का जनाधार मजबूत
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है और सभी राजनीतिक दल जनता को लुभाने में जुटे हैं। इस बीच, जनसुराज अभियान के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बड़ा सियासी संबल मिला है। शुक्रवार को दो चर्चित शख्सियतों—एक पूर्व आईपीएस अधिकारी और एक लोकप्रिय भोजपुरी गायक-अभिनेता—ने जनसुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की, जिससे पार्टी को जनाधार और भरोसा दोनों मिला है।
पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह का जनसुराज में प्रवेश
हिमाचल प्रदेश में अपर पुलिस महानिदेशक रहे जयप्रकाश सिंह ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद जनसुराज का दामन थामा। मूल रूप से बिहार के सारण जिले के निवासी जयप्रकाश सिंह ने UPSC में 59वीं रैंक प्राप्त कर भारतीय पुलिस सेवा में प्रवेश किया था। लेकिन उनकी यात्रा इससे पहले भी काफी संघर्षपूर्ण रही।
जयप्रकाश ने सेना और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में 12 वर्षों तक सेवा दी थी। पारिवारिक आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में काम कर खुद को स्थापित किया। अब वे बिहार की राजनीति में उतरकर जनसेवा का नया अध्याय शुरू करने को तैयार हैं।
रीतेश पांडेय की सियासी पारी की शुरुआत
भोजपुरी इंडस्ट्री के प्रसिद्ध गायक और अभिनेता रीतेश पांडेय ने भी प्रशांत किशोर के साथ मिलकर राजनीति में कदम रखा है। रीतेश बिहार के रोहतास जिले के करगहर के निवासी हैं और अब तक दर्जनों फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। YouTube पर उनके गाने करोड़ों बार देखे जा चुके हैं, जिससे उनकी जनप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। वे इस बार विधानसभा चुनाव में जनसुराज के टिकट से किस्मत आजमाने के इच्छुक हैं।
किशनगंज हत्याकांड में प्रशांत किशोर का बड़ा खुलासा
प्रशांत किशोर ने किशनगंज स्थित माता गुजरी मेडिकल कॉलेज से जुड़े एक पुराने विवाद को फिर से उठाया। उन्होंने वर्ष 2007 में हुए एक हत्या मामले में मृतक राजेश साह की मां अमला देवी और बहन रीता देवी को मीडिया के सामने लाकर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन एसपी ने मामले को दबाने का प्रयास किया, क्योंकि उनकी पत्नी को बिना प्रवेश परीक्षा के उसी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला था।
अपराध और मुफ्त बिजली योजना पर सरकार को घेरा
प्रशांत किशोर ने बिहार पुलिस के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें मौसम विशेष में अपराध बढ़ने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि बिहार में कभी नेता या अधिकारी की हत्या नहीं होती, क्योंकि उनकी सुरक्षा में दर्जनों पुलिसकर्मी होते हैं, जबकि आम नागरिक असुरक्षित हैं। उन्होंने पुलिस-प्रशासन को 'निकम्मा' तक कह डाला।
नीतीश सरकार की 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना को उन्होंने "चुनावी लॉलीपॉप" करार दिया। उन्होंने कहा कि असल में केवल 125 यूनिट तक ही अनुदान मिलेगा, इसके ऊपर कोई राहत नहीं दी जा रही, जिससे जनता को गुमराह किया जा रहा है।
जनसुराज की ताकत में दो बड़े नामों के जुड़ने से न केवल प्रशांत किशोर की राजनीतिक रणनीति को बल मिला है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में यह गठबंधन अन्य दलों के लिए चुनौती बन सकता है। जयप्रकाश सिंह की प्रशासनिक समझ और रीतेश पांडेय की जनप्रियता मिलकर बिहार की राजनीति में नया समीकरण खड़ा कर सकते हैं।