जेन-जी प्रदर्शन में मारे गए युवाओं को ‘बलिदानी’ का दर्जा, परिजनों को 10 लाख की सहायता

विदेश डेस्क, ऋषि राज |
नेपाल सरकार का बड़ा फैसला: जेन-जी प्रदर्शन में मारे गए युवाओं को ‘बलिदानी’ का दर्जा, परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता
नेपाल में हाल ही में हुए जेन-जी (Gen Z) छात्रों और युवाओं के बड़े प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को सरकार ने विशेष सम्मान देने का निर्णय लिया है। नेपाल की पूर्व प्रधान न्यायाधीश और राजनीतिक नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही सुशीला कार्की ने घोषणा की कि प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले युवाओं को “बलिदानी” का दर्जा दिया जाएगा। साथ ही, उनके परिजनों को 10 लाख नेपाली रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
यह घोषणा तब आई जब देश में छात्रों और युवाओं द्वारा शिक्षा, बेरोज़गारी, आर्थिक असमानता और राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ उठे आंदोलन ने पूरे नेपाल में गंभीर रूप ले लिया था। इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए थे, जिनमें से कई की पुलिस की गोलीबारी, मुठभेड़ों या अन्य हिंसक घटनाओं में जान चली गई। जेन-जी के इन युवाओं ने सरकार से शिक्षा सुधार, रोजगार के अवसर और पारदर्शी शासन की माँग की थी। उनकी मौत ने पूरे देश में विरोध और सहानुभूति की लहर पैदा कर दी थी।
सुशीला कार्की ने कहा कि सरकार इन युवाओं के योगदान और साहस को हमेशा याद रखेगी। उन्होंने बताया कि मारे गए युवाओं के परिजनों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें सम्मानित करना एक आवश्यक कदम है। यह अनुग्रह राशि न केवल उनकी मदद करेगी, बल्कि यह सरकार की जिम्मेदारी निभाने का भी संकेत है।
सरकार ने घोषणा की है कि बलिदानी का दर्जा पाने वाले युवाओं के नाम सार्वजनिक रूप से सम्मानित किए जाएंगे। साथ ही, उनके परिवारों को पुनर्वास, शिक्षा और रोजगार से जुड़ी योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। यह निर्णय उन युवाओं के संघर्ष को मान्यता देने और देश में युवाओं की आवाज़ को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम नेपाल में बढ़ती असंतुष्टि को कम कर सकता है और युवाओं के लिए भरोसे का माहौल तैयार करेगा। हालांकि, कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह केवल प्रतीकात्मक कदम है, जबकि असल समाधान शिक्षा, रोजगार और पारदर्शिता में सुधार से ही मिलेगा।
फिर भी, जेन-जी प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले युवाओं को ‘बलिदानी’ घोषित करना और उनके परिवारों को आर्थिक मदद देना सरकार की तरफ से एक सकारात्मक प्रतिक्रिया मानी जा रही है। अब देखना यह होगा कि आगे चलकर सरकार युवाओं की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है।