टाटा ग्रुप का बड़ा ऐलान: अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को मिलेगा 1 करोड़ मुआवजा

अहमदाबाद/नई दिल्ली, ऋषि राज |
टाटा ग्रुप का बड़ा ऐलान – अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को मिलेगा 1 करोड़ का मुआवजा, घायलों का पूरा खर्च उठाएगी कंपनी
अहमदाबाद विमान हादसे के बाद देशभर में शोक की लहर फैल गई है। इस त्रासदी में जान गंवाने वाले यात्रियों और घायल लोगों के लिए अब टाटा ग्रुप (Tata Group) ने एक बड़ा और संवेदनशील कदम उठाया है। एयर इंडिया का संचालन करने वाली टाटा ग्रुप ने ऐलान किया है कि हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक यात्री के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही, हादसे में घायल हुए सभी यात्रियों और प्रभावितों के इलाज और पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी भी टाटा ग्रुप उठाएगा।
क्या कहा टाटा ग्रुप ने?
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा –
"यह हमारे लिए बेहद दुखद और असहनीय क्षण है। हमने कई अनमोल जिंदगियाँ इस हादसे में खो दी हैं। हम इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ पूरी संवेदना के साथ खड़े हैं। एयर इंडिया के यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सहायता दी जाए और जो परिवार अपने प्रियजनों को खो चुके हैं, उन्हें आर्थिक और भावनात्मक सहायता प्रदान की जाए।”
हादसे की पृष्ठभूमि
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-178, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के महज दो मिनट बाद ही एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई दर्जन गंभीर रूप से घायल हैं। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के भी सवार होने की खबर है। हालांकि, उनकी स्थिति को लेकर स्पष्ट जानकारी आनी बाकी है।
सरकार से संपर्क में टाटा ग्रुप
टाटा ग्रुप ने केंद्र और राज्य सरकार से मिलकर राहत और पुनर्वास अभियान को तेज़ करने की बात कही है। इसके अलावा टाटा मेडिकल सेंटर, टाटा ट्रस्ट्स और अन्य सहयोगी संस्थान भी घटनास्थल पर घायलों की मदद के लिए भेजे गए हैं।
इलाज और मानसिक सहयोग की व्यवस्था
टाटा ग्रुप ने घायलों के लिए स्पेशल मेडिकल टीम्स गठित की हैं।
सिविल अस्पताल अहमदाबाद और निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च टाटा ग्रुप वहन करेगा।
प्रभावित परिवारों को मनोवैज्ञानिक परामर्श और कानूनी सहायता भी दी जाएगी। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के परिवारों को भारत लाने, शवों को उनके देश भेजने व अन्य कागजी कार्यवाही में सहायता दी जाएगी।
मुआवजे का विवरण:
श्रेणी: मुआवजा / सहायता
- मृतक यात्री के परिजन ₹1 करोड़
- गंभीर रूप से घायल यात्री 25-50 लाख (इलाज के अतिरिक्त)
- सामान्य घायल निशुल्क इलाज, ₹5-10 लाख
- संपत्ति क्षति (स्थानीय निवासी) क्षति के अनुसार मुआवजा
- विदेशी नागरिकों के लिए दूतावासों के माध्यम से समन्वय
अब आगे क्या?
विमानन मंत्रालय ने DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को जांच के निर्देश दिए हैं। ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है, जिससे तकनीकी कारणों की जांच होगी। शुरुआती रिपोर्ट में तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर टाटा ग्रुप के इस फैसले की सराहना हो रही है। यूज़र्स इसे एक "जिम्मेदार कॉर्पोरेट" का उदाहरण बता रहे हैं।
"विमान हादसे में इतनी जल्दी संवेदनशील निर्णय लेना टाटा ग्रुप की प्रतिष्ठा को दर्शाता है।"
इस भयावह हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन टाटा ग्रुप द्वारा उठाया गया यह मानवीय और संवेदनशील कदम पीड़ित परिवारों के जख्मों पर एक मरहम की तरह काम करेगा। अब सभी की नजरें सरकारी जांच पर हैं कि हादसे की असली वजह क्या थी और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को कैसे रोका जा सकता है।
एक प्रत्यक्षदर्शी यात्री की आपबीती भी शामिल की जा रही है, जो विमान में सवार था और हादसे से ठीक पहले कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहा।
प्रत्यक्षदर्शी की आपबीती: “मैंने मौत को अपनी आंखों के सामने देखा” – जीवित बचे यात्री का बयान
अहमदाबाद विमान हादसे में एक चमत्कारिक घटना सामने आई है। विमान में सवार एक यात्री, जो टॉयलेट के पास मौजूद था, ने हादसे से ठीक पहले आपातकालीन दरवाजा (emergency exit) से छलांग लगाकर अपनी जान बचा ली।
घटना के बाद जब उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया, तो वे गहरे सदमे में थे लेकिन होश में थे और बोल पा रहे थे। डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कांपती आवाज़ में बताया:
"मैंने खिड़की से देखा कि विमान ऊंचाई नहीं पकड़ पा रहा है। अचानक एक जोरदार झटका लगा और सभी लोग चिल्लाने लगे। तभी क्रू मेंबर्स ने इमरजेंसी गेट खोलने की कोशिश की। जब दरवाज़ा खुला, मैं खुद को संभाल नहीं पाया और बाहर कूद गया… अगले पल मैं ज़मीन पर गिरा और कुछ देर तक होश में नहीं था। आंख खुली तो चारों तरफ आग और चीख-पुकार थी… मैं शायद भगवान की कृपा से ही बच पाया हूं।”
वह युवक अहमदाबाद के मणिनगर का रहने वाला है और लंदन अपने भाई से मिलने जा रहा था। उसकी मां अस्पताल में बिलखती हुई बोलीं – “मेरा बेटा दोबारा जन्मा है। हमें नहीं पता था कि वो वापस आएगा भी या नहीं।”
इस बयान से मिली जांच में मदद
घायल यात्री के इस बयान से विमान की यांत्रिक स्थिति और तकनीकी खराबी के संबंध में कुछ अहम सुराग मिल सकते हैं। DGCA ने उनके बयान को रिकॉर्ड कर लिया है और विशेषज्ञों की टीम इस पहलू की भी जांच कर रही है कि क्या विमान के इंजन या फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम में अचानक गड़बड़ी हुई थी।
इस हादसे में यह चमत्कारी बचाव एक उम्मीद की किरण है
जहाँ एक ओर 240 से अधिक लोगों की जान चली गई, वहीं एक व्यक्ति का जीवित लौटना इस भयानक आपदा में इंसानी जिजीविषा और साहस का परिचय देता है। यह घटना न सिर्फ हादसे की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आपदा की घड़ी में तत्परता और सही निर्णय किसी की जान बचा सकता है।