
स्टेटडेस्क, श्रेयांश पराशर |
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले 'दामाद राजनीति' गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए जीतनराम मांझी ने निजी हमलों की झड़ी लगा दी। मांझी ने तेजस्वी पर परिवार के सदस्यों को बाहर निकालने का आरोप लगाते हुए दामाद के मुद्दे को लेकर कड़ी टिप्पणी की।
बिहार की सियासत में चुनावी सरगर्मी के बीच दामाद को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर करारा हमला किया है। मांझी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी ने पहले अपने भाई तेज प्रताप को घर से निकाला और अब बहन-बहनोई को बाहर करने के लिए ‘दामाद’ का मुद्दा उठा रहे हैं।
मांझी ने बिना नाम लिए कहा, “जो अपने परिवार का नहीं हो सकता, वो किसी का नहीं हो सकता।” उन्होंने यह भी तंज कसा कि तेजस्वी के नालायक दामाद इंजीनियरिंग करने के बावजूद बेरोजगार हैं और फिर भी सांसद पत्नी की पर्स ढोते हैं। मांझी का यह इशारा तेजस्वी की बहन मीसा भारती और उनके पति पर था।
इससे पहले मांझी ने बयान दिया था कि बेटा और दामाद दो तरह के होते हैं; एक योग्य और दूसरा अयोग्य। उन्होंने लालू यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ‘गब्बर सिंह’ (तेजस्वी के पिता) भविष्य में अगर दामाद को कहीं सेट करने की बात करें तो कहा जा सके कि उन्होंने खुद ही दामाद के मुद्दे को उठाया था।
तेजस्वी यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि आयोगों और बोर्डों में सत्ताधारी नेताओं के रिश्तेदारों की नियुक्ति की जा रही है। इसी के तहत मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार को अहम पद दिए गए, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।