
नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार ।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रविवार को कहा कि दिवाली तक भारत में एक और दौर बड़े सुधारों की घोषणाओं का देखने को मिल सकता है। सरकार विनिर्माण प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने और व्यापार संतुलन सुधारने की दिशा में तेज़ी से काम कर रही है। हाल ही में सरकार ने 22 सितंबर से आम जनता को GST दरों में कमी कर राहत दी थी। अब उम्मीद की जा रही है कि दिवाली से पहले किसी अन्य सेक्टर में बड़ा ऐलान हो सकता है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, सरकार 13-14 प्रमुख क्षेत्रों में सुधारों पर विचार कर रही है, जिनमें व्यापार और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) पर विशेष फोकस है। अधिकारी ने कहा, “हमारी प्राथमिकताओं में व्यापार और MSME सुधार शामिल हैं।”
उन्होंने बताया कि ‘ट्रेड वॉच रिपोर्ट’ ने भारत के मौजूदा व्यापार ढांचे में गंभीर असंतुलन को उजागर किया है।
सुब्रह्मण्यम ने कहा, “हमारा व्यापार बहुत सीमित और असंतुलित है। हम कुछ चुनिंदा उत्पादों पर निर्भर हैं, जबकि दुनिया उन उत्पादों में अब बहुत अधिक व्यापार नहीं करती। कभी हम कुछ क्षेत्रों में अग्रणी थे, लेकिन अब बाकी दुनिया आगे बढ़ गई है और भारत को भी कदम मिलाने की ज़रूरत है।”
उन्होंने आगे बताया कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में कई समितियों ने सुधारों से जुड़ी अपनी पहली रिपोर्ट सौंप दी है, जिससे संकेत मिलता है कि सरकार का संरचनात्मक सुधार अभियान गति पकड़ रहा है।
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन शुरू करने के अंतिम चरण में है। यह पहल भारत की विनिर्माण प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने और औद्योगिक क्षेत्रों में विविधता लाने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य स्पष्ट है भारत के विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत और विविध बनाना। हमें किसी विशेष क्षेत्र की रक्षा करने के बजाय उत्पादकता, नवाचार और प्रतिस्पर्धा पर ध्यान देना चाहिए।”
आगामी विनिर्माण मिशन और सुधारों की यह नई लहर भारत की औद्योगिक और व्यापार रणनीति को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकती है, जो सरकार के दीर्घकालिक विकास दृष्टिकोण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।