
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
पंजाब के मोहाली जिले के एक गांव की ग्राम पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि परिवार या समुदाय के सदस्यों की स्वीकृति के बिना प्रेम विवाहों की अनुमति नहीं होगी। इस फैसले के बाद पंचायत को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा।
गांव के सरपंच दलवीर सिंह ने कहा, “यह कोई सज़ा नहीं है, बल्कि हमारे रीति-रिवाज और मूल्यों की रक्षा के लिए एक रोकथाम कदम है।”
उन्होंने बताया कि यह फैसला हाल ही की एक घटना के कारण लिया गया, जिसमें 26 वर्षीय युवक, नविंदर ने अपनी 24 वर्षीय भांजी बेबी से विवाह कर लिया। यह जोड़ा गांव छोड़ चुका है, लेकिन सरपंच का कहना है कि इस घटना का गांव के लोगों पर गहरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा, “इस घटना ने यहां के लगभग 2,000 लोगों को प्रभावित किया है।”
हालांकि, कुछ ग्रामीणों ने पंचायत के निर्णय का समर्थन किया। इंडिया टुडे से बातचीत में, एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम अपने सरपंच के साथ हैं और केवल वही इस पर बोलने के अधिकारी हैं। लेकिन हमें लगता है कि हमारी एक विरासत और प्रतिष्ठा है जिसे बनाए रखना चाहिए। दुनिया भले ही आधुनिक हो गई हो, लेकिन हमें अपने संबंधों, संस्कृति और गांवों की रक्षा करनी है।”
इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने इस विषय में सतर्क रुख अपनाया है। मोहाली की अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण) सोनम चौधरी ने बताया कि अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “अगर लोग वयस्क हैं, तो वे जिसे चाहें, उससे विवाह करने के लिए कानूनी रूप से स्वतंत्र हैं। भविष्य में कोई शिकायत आई तो हम कानून के तहत कार्यवाही करेंगे।”
मोहाली के पुलिस अधीक्षक मोहित अग्रवाल ने भी संविधान की सर्वोच्चता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “यह कोई बनाना रिपब्लिक नहीं है। हम कानून और संविधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगे। फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन यदि आती है तो कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।”
पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष राज लल्ली गिल ने भी पंचायत के प्रस्ताव की आलोचना की। उन्होंने कहा, “यह असंवैधानिक है और पंचायत का ऐसा फैसला कोई मायने नहीं रखता। हम इस मामले की जांच करेंगे। अभी तक इस पर कोई शिकायत नहीं मिली है।”