
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को छह महीने की सजा, कोर्ट का बड़ा फैसला
बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा मोड़ तब आया जब देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई। यह फैसला ढाका की एक विशेष अदालत ने मानहानि के एक पुराने मामले में सुनाया है। कोर्ट ने सजा के साथ-साथ उन्हें 1 लाख टका का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया है। जुर्माना नहीं चुकाने की स्थिति में उनकी सजा एक महीने और बढ़ सकती है।
क्या है पूरा मामला?
शेख हसीना पर यह मामला वर्ष 2018 में एक सार्वजनिक भाषण के दौरान दिए गए कथित अपमानजनक बयान को लेकर दर्ज किया गया था। आरोप था कि उन्होंने उस वक्त की विपक्षी पार्टी और कुछ सामाजिक संगठनों पर टिप्पणी करते हुए निजी मान-सम्मान को ठेस पहुंचाई थी।
इस पर विपक्षी नेता की ओर से मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले की सुनवाई में कोर्ट ने माना कि शेख हसीना का बयान कानून की दृष्टि में आपत्तिजनक था और इससे समाज में गलत संदेश गया।
शेख हसीना का पक्ष
शेख हसीना के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि उनका बयान राजनीतिक संदर्भ में दिया गया था, इसका उद्देश्य किसी की मानहानि करना नहीं था। लेकिन अदालत ने उनकी दलीलों को अस्वीकार करते हुए दोषी करार दिया।
उनकी पार्टी "अवामी लीग" ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है और कहा है कि सरकार और न्यायपालिका का एक वर्ग उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रहा है।
राजनीतिक हलचल तेज
इस फैसले के बाद बांग्लादेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
अवामी लीग के समर्थकों ने इसे "लोकतंत्र के खिलाफ साजिश" कहा है। जबकि विपक्षी पार्टी BNP (Bangladesh Nationalist Party) ने इसे न्याय की जीत बताया है।
ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में प्रदर्शन और रैलियां देखने को मिल रही हैं।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
शेख हसीना की कानूनी टीम ने कहा है कि वे इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगी। यदि उच्च अदालत से उन्हें राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला बांग्लादेश की आगामी राजनीति को प्रभावित कर सकता है। शेख हसीना तीन बार देश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं और वे बांग्लादेश की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक मानी जाती हैं। अगर उनकी सजा बरकरार रहती है, तो वे आने वाले चुनावों में चुनावी राजनीति से दूर हो सकती हैं।
शेख हसीना को मिली छह महीने की सजा ने बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा तूफान खड़ा कर दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उच्च अदालतों में उन्हें राहत मिलती है या यह मामला देश की सियासत का रुख ही बदल देता है।