
स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
Bihar Election 2025: निर्वाचन आयोग ने कहा है कि जिन मतदाताओं के पास ईपीआईसी (वोटर आईडी कार्ड) नहीं है, वे भी विधानसभा चुनाव में वोट डाल सकेंगे। इसके लिए वे 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से किसी एक का उपयोग कर सकते हैं। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए है जिनका नाम मतदाता सूची में है, लेकिन वे ईपीआईसी नहीं दिखा पा रहे हैं।
अगर आपके पास वोटर आईडी नहीं है और नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो चिंता की कोई बात नहीं। निर्वाचन आयोग ने बताया कि ऐसे मतदाता 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से किसी एक को दिखाकर मतदान कर सकेंगे। आयोग ने यह सुविधा उन लोगों के लिए दी है, जिनका नाम वोटर लिस्ट में तो है लेकिन किसी वजह से वे अपना ईपीआईसी प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। आयोग ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और निर्वाचक नामावली नियम 1960 के तहत उसे यह अधिकार प्राप्त है कि वह मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करे और मतदान केंद्रों पर प्रतिरूपण (इम्परसनेशन) को रोके। आयोग ने जानकारी दी कि बिहार और उपचुनाव वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 100 प्रतिशत मतदाताओं को ईपीआईसी जारी किया जा चुका है।
साथ ही, सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि नए मतदाताओं को नामावली के अंतिम प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर ईपीआईसी उपलब्ध कराया जाए। आयोग ने 7 अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचना के हवाले से बताया कि निम्नलिखित पहचान पत्र वैकल्पिक पहचान के रूप में मान्य होंगे:
- आधार कार्ड
- मनरेगा जॉब कार्ड
- बैंक या डाकघर से जारी फोटोयुक्त पासबुक
- श्रम मंत्रालय या आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड
- भारतीय पासपोर्ट
- फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज
- केंद्र/राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के जारी सेवा पहचान पत्र
- सांसद/विधायक/विधान पार्षद को जारी आधिकारिक पहचान पत्र
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से जारी ‘यूनिक डिसएबिलिटी आईडी’ (यूडीआईडी) कार्ड
बुर्का या घूंघट वाली महिलाओं की भी होगी पहचान जांच
आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदान के लिए मतदाता का नाम निर्वाचक नामावली (वोटर लिस्ट) में होना अनिवार्य है, इसके बिना मतदान की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, 'पर्दानशीं' (घूंघट या बुर्का पहनने वाली) महिलाओं की सुविधा और गरिमा का ध्यान रखते हुए मतदान केंद्रों पर विशेष व्यवस्था की जाएगी। ऐसी महिलाओं की पहचान महिला मतदान अधिकारियों या सहायिकाओं की मौजूदगी में सम्मानजनक और गोपनीय तरीके से की जाएगी ताकि उनकी निजता बनी रहे।