
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
भारत-नेपाल सीमा से हल्दिया तक छह लेन का नया एक्सप्रेसवे बिहार को नई दिशा देगा। 585 किलोमीटर लंबी इस सड़क से 11 जिलों के लाखों लोगों को फायदा होगा। इससे नेपाल, झारखंड और पश्चिम बंगाल से कारोबार को भी रफ्तार मिलेगी।
केंद्र सरकार ने बिहार के लिए एक और बड़ी सौगात दी है। भारत-नेपाल सीमा के रक्सौल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक छह लेन के एक्सप्रेसवे का अलाइनमेंट केंद्र सरकार ने मंजूर कर दिया है। इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना की कुल लंबाई करीब 585.350 किलोमीटर होगी और यह बिहार के 11 जिलों से होते हुए गुजरेगी। इसके लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की अलाइनमेंट अप्रूवल कमेटी ने हरी झंडी दे दी है।
यह सड़क रक्सौल से शुरू होकर मोतिहारी, शिवहर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, बांका, मुंगेर, देवघर, दुमका, आसनसोल-दुर्गापुर होते हुए हल्दिया तक पहुंचेगी। सड़क परियोजना के लिए करीब 60 मीटर चौड़ाई में 4886 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसको लेकर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
फिलहाल रक्सौल से हल्दिया जाने में GT रोड और पटना-सीतामढ़ी होकर करीब 20 घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे के बन जाने से यह सफर महज 11 घंटों में पूरा हो सकेगा। इससे न सिर्फ बिहार के जिलों को नया सड़क संपर्क मिलेगा बल्कि नेपाल से झारखंड और बंगाल के बंदरगाहों तक व्यापार को सीधा लाभ होगा। समय की बचत से किसानों, कारोबारियों और आम यात्रियों को राहत मिलेगी।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक में कहा कि भूमि अधिग्रहण जल्द शुरू होगा ताकि निर्माण प्रक्रिया में कोई देर न हो। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सड़क पूर्वी भारत में लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत बनाएगी और सीमावर्ती जिलों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।