
स्टेट डेस्क, ऋषि राज |
बिहार की सियासत में हलचल: भाजपा के पूर्व सांसद लालमुनि चौबे के बेटे हेमंत चौबे जन सुराज पार्टी में शामिल
बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ है। भाजपा के दिग्गज नेता और चार बार बक्सर से सांसद रहे स्वर्गीय लालमुनि चौबे के पुत्र हेमंत चौबे ने रविवार को अपने समर्थकों के साथ जन सुराज पार्टी का झंडा थाम लिया। प्रशांत किशोर ने पटना स्थित जन सुराज कार्यालय में उन्हें पीला दुपट्टा ओढ़ाकर पार्टी में शामिल किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे।
शाहाबाद क्षेत्र पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हेमंत चौबे की एंट्री से जसुपा को शाहाबाद क्षेत्र (बक्सर, कैमूर, रोहतास और भोजपुर) में खासा लाभ मिलेगा। लालमुनि चौबे इस इलाके में भाजपा का चेहरा माने जाते थे और उनकी साफ-सुथरी छवि ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती दी थी। अब हेमंत चौबे के जसुपा में आने से भाजपा का पारंपरिक वोट बैंक प्रभावित हो सकता है।
भाजपा-जेडीयू के लिए बढ़ी टेंशन
हेमंत चौबे का यह कदम भाजपा-जेडीयू गठबंधन के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। विशेषकर उस समय जब 2025 विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल नए समीकरण बनाने में जुटे हैं। भाजपा पहले से ही नीतीश कुमार की बदलती राजनीति और महागठबंधन की चुनौतियों का सामना कर रही है, ऐसे में शाहाबाद बेल्ट में जन सुराज की बढ़ती पैठ गठबंधन को कमजोर कर सकती है।
जन सुराज का बढ़ता कारवां
प्रशांत किशोर ने कहा, “जन सुराज बिहार की जनता को विकल्प की राजनीति दे रहा है। हेमंत चौबे जैसे नेता के आने से हमें न सिर्फ अनुभव मिलेगा, बल्कि एक ऐसे परिवार का जुड़ाव भी मिलेगा जिसने दशकों तक जनता की सेवा की है।”
पिछले कुछ महीनों से लगातार विभिन्न दलों के छोटे-बड़े नेता जसुपा में शामिल हो रहे हैं। यह ट्रेंड बताता है कि पार्टी धीरे-धीरे बिहार की राजनीति में एक सशक्त विकल्प के रूप में उभर रही है।
कुल मिलाकर, हेमंत चौबे की एंट्री को बिहार की सियासत में गेम-चेंजर माना जा रहा है, और इसका असर आने वाले चुनावों में साफ दिख सकता है।