
नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा के दौरान बड़ा हादसा होते-होते टल गया। इस पावन अवसर पर जब पूरा शहर श्रद्धा और उत्साह में डूबा था, तभी रथयात्रा में शामिल एक हाथी के बेकाबू हो जाने से भगदड़ मच गई। हाथी डीजे की तेज आवाज से घबरा गया और इधर-उधर भागने लगा, जिससे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी फैल गई।
सुबह करीब 10 बजे जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा की शुरुआत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा मंगला आरती के साथ हुई। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पारंपरिक रस्म निभाते हुए रथ की रस्सी खींची। रथयात्रा की भव्यता में चार चांद लगाने के लिए मंदिर प्रशासन ने करीब 18 हाथियों, 100 से अधिक घोड़ों, 30 से ज्यादा भजनों की मंडलियों और सैकड़ों संतों-साधुओं की व्यवस्था की थी।
रथ के आगे चल रहे करीब 18 हाथियों के दल में से एक हाथी अचानक बेकाबू हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मेले में बज रहे तेज डीजे और शोरगुल से हाथी विचलित हो गया और बेकाबू होकर तेज़ी से आगे बढ़ने लगा। इस दौरान लोगों ने इधर-उधर भागकर अपनी जान बचाई, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। कई श्रद्धालु गिरकर चोटिल हो गए, हालांकि कोई गंभीर घायल नहीं हुआ।
वन विभाग के अधिकारियों और हाथी महावतों ने तत्परता दिखाते हुए हाथी को काबू में किया और उसे पास के हाथीखाना (हाथियों के विश्राम स्थल) में सुरक्षित पहुंचाया गया। इस पूरी घटना के चलते करीब 15 मिनट तक रथयात्रा को खाड़िया गेट के पास रोकना पड़ा। सुरक्षा के मद्देनजर मौके पर बज रहे डीजे को तुरंत बंद करवा दिया गया और यात्रा को आगे बढ़ाया गया।
रथयात्रा मार्ग पर पहले से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। लगभग 15,000 से अधिक पुलिसकर्मी, सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी, और कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई थी। इसके चलते स्थिति को जल्दी नियंत्रित कर लिया गया और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
इस बार की रथयात्रा में अहमदाबाद के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से आए लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। आयोजन को लेकर मंदिर प्रशासन और नगर निगम ने मिलकर सफाई, पानी, स्वास्थ्य और सुरक्षा की बेहतरीन व्यवस्था की थी।
घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने कहा कि भविष्य में ऐसे आयोजन में तेज ध्वनि वाले उपकरणों के प्रयोग पर पुनर्विचार किया जाएगा ताकि जानवर और श्रद्धालु दोनों सुरक्षित रहें।
इस अप्रत्याशित घटना के बावजूद रथयात्रा आगे शांतिपूर्वक और भक्ति भाव के साथ संपन्न होती रही। श्रद्धालुओं का उत्साह और भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था घटना के बाद भी बरकरार रही।