
रांची, 15 मई |
सुनील आम्बेकर ने भारतीय सेना की वीरता की सराहना करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख किया| देवर्षि नारद जयंती पर पत्रकारों को किया गया सम्मानित, पद्मश्री अशोक भगत और सुनील आम्बेकर रहे मुख्य अतिथि|
विश्व संवाद केंद्र झारखंड एवं बिरसा सेवा न्यास के संयुक्त तत्वावधान में रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट सभागार में देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध समाजसेवी पद्मश्री अशोक भगत तथा मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर उपस्थित रहे।
‘बिरसा हुंकार’ पत्रिका का पुनः लोकार्पण
समारोह में पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान देने वाले पत्रकारों को तीन श्रेणियों में सम्मानित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार श्रेणी में सीताराम पाठक, महिला पत्रकार श्रेणी में लता रानी और नवोदित पत्रकार श्रेणी में बलबीर कुमार को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ‘बिरसा हुंकार’ पत्रिका का पुनः लोकार्पण भी किया गया।
अपने संबोधन में सुनील आम्बेकर ने कहा कि भारत के विकास के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अनिवार्य है। उन्होंने भारतीय सेना की वीरता की सराहना करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान में भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। पाकिस्तान की स्थिति ऐसी हो गई कि उसे भारत के सामने झुकना पड़ा और उसने सीजफायर के लिए भारत के मित्र देशों से लगातार दबाव डलवाना शुरू कर दिया।
आम्बेकर ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए सीजफायर पर सहमति तो दी, लेकिन पाकिस्तान को कड़े शब्दों में यह चेतावनी भी दी कि भारत अब किसी भी कीमत पर आतंकवाद को सहन नहीं करेगा।