
रिपोर्ट : रुचि भारती
जनता दरबार में दिखा असर: शिकायतकर्ता ने थानेदार की घूसखोरी का वीडियो दिखाया, एसपी ने की सख्त कार्रवाई
मोतिहारी: पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी कठोर नीति का परिचय देते हुए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की है। जनता दरबार में मिली शिकायत के महज 24 घंटे के भीतर, एसपी ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे दो पुलिस पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। इस कठोर कदम से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है, वहीं आम जनता निष्पक्ष और न्यायप्रिय पुलिस अधीक्षक की सराहना कर रही है।
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि केसरिया के सर्किल इंस्पेक्टर मुनीर आलम को एक कांड के अनुसंधान में लापरवाही, मनमानी और भ्रष्ट आचरण के आरोपों के चलते निलंबित किया गया है। एक आवेदक ने जनता दरबार में शिकायत दर्ज कराई थी कि सीआई केसरिया ने केस के सुपरविजन के दौरान उनसे पैसे की मांग की थी।
वहीं, शिकारगंज थाना में पदस्थापित दरोगा पवन कुमार ईश्वर को भी एक केस में पैसे लेने के आरोप में निलंबित किया गया है। एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि शुक्रवार को जनता दरबार में एक आवेदक ने उपस्थित होकर दरोगा पवन कुमार ईश्वर द्वारा पैसे लेने का वीडियो क्लिप प्रस्तुत किया था।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस उपमहानिरीक्षक चंपारण परिक्षेत्र बेतिया के निर्देशानुसार, पुलिस अधीक्षक ने तत्काल कार्रवाई की। वीडियो क्लिप की गहन जांच के लिए ढाका के डीएसपी अशोक कुमार को निर्देशित किया गया है, जिन्हें 48 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। जाचो प्रांत के डीआईजी के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
एसपी स्वर्ण प्रभात की इस तत्परता और भ्रष्टाचार के प्रति उनकी कठोर रुख की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। आम जनता में यह विश्वास जागा है कि पुलिस विभाग में अब भ्रष्ट आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। यह कार्रवाई निश्चित रूप से पुलिस विभाग की छवि सुधारने और जनता के विश्वास को बहाल करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।