
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से रुका हुआ व्यापारिक समझौता अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच जल्द ही एक ऐतिहासिक ट्रेड डील की घोषणा की जा सकती है, जो विशेष रूप से ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों पर केंद्रित होगी। इस डील के तहत अमेरिका भारतीय आयात पर लगने वाले टैरिफ को 50% से घटाकर 15-16% तक लाने पर सहमत हो सकता है, जिससे भारत के लिए अमेरिकी बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक संतुलन को सुधारना और ऊर्जा सहयोग को गहरा करना है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत धीरे-धीरे रूस से कच्चे तेल के आयात को कम करने पर विचार कर रहा है और इसके बदले अमेरिका से गैर-जीएम मक्का और सोयामील का आयात बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। यह कदम अमेरिकी किसानों के लिए भी बड़ा लाभदायक साबित हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि समझौते में टैरिफ और बाजार पहुंच की नियमित समीक्षा के लिए एक विशेष तंत्र भी शामिल किया जा सकता है, ताकि व्यापारिक मतभेदों को समय रहते सुलझाया जा सके। इस पहल से दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
ट्रंप-मोदी की बातचीत में हुआ बड़ा फैसला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मंगलवार को हुई फोन वार्ता इस समझौते के लिए अहम रही। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने ऊर्जा, कृषि और व्यापारिक सहयोग पर चर्चा की। ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस से तेल आयात को सीमित करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच एक संतुलित और लाभकारी व्यापार समझौता होने जा रहा है, जो दोनों देशों के हित में होगा।”
वहीं पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप का फोन और दिवाली की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। इस प्रकाश पर्व पर हमारे दोनों लोकतंत्र दुनिया को आशा की किरण दिखाते रहें और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट रहें।”
आसियान शिखर सम्मेलन में हो सकती है घोषणा
अमेरिकी समाचार एजेंसी मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते की औपचारिक घोषणा आने वाले आसियान शिखर सम्मेलन में की जा सकती है। माना जा रहा है कि यह समझौता भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में नया अध्याय खोलेगा और वैश्विक स्तर पर दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को मजबूती देगा।
हालांकि, भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय तथा व्हाइट हाउस ने इस संभावित डील पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता दोनों देशों के बीच वर्षों से चले आ रहे व्यापारिक मतभेदों को खत्म कर सकता है और भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचा सकता है।