Ad Image
Ad Image
चुनाव आयोग: EPIC नहीं तो 12 वैकल्पिक ID प्रूफ से कर सकेंगे मतदान || बिहार विधानसभा चुनाव 25 : 121 सीट के लिए अधिसूचना जारी || गाजा युद्ध विराम की निगरानी के लिए 200 अमेरिकी सैनिक होंगे तैनात || इजरायल और हमास ने किए गाजा शांति योजना पर हस्ताक्षर: राष्ट्रपति ट्रंप || टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: गोयल ने कहा, समय सीमा नहीं, पारस्परिक लाभ पर ध्यान

विदेश डेस्क, मुस्कान कुमारी |

नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं को लेकर स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारत व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए किसी समय सीमा के दबाव में काम नहीं करेगा। गोयल ने जोर देकर कहा कि भारत का लक्ष्य केवल ऐसे व्यापार समझौते करना है जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी और निष्पक्ष हों। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका द्वारा कुछ भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगाने और व्यापार वार्ताओं में गतिरोध की खबरें सामने आ रही हैं।

राष्ट्रीय हित और आत्मसम्मान सर्वोपरि

गोयल ने साफ किया कि भारत अपनी व्यापार नीतियों में राष्ट्रीय हित और आत्मसम्मान से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "हम न तो कभी झुकेंगे और न ही कभी कमजोर दिखाई देंगे।" यह बयान भारत की व्यापार वार्ताओं में आत्मविश्वास और दृढ़ता को दर्शाता है। गोयल ने यह भी कहा कि भारत हमेशा एक निष्पक्ष और पारस्परिक लाभ वाले व्यापार समझौते के लिए खुला है। वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में मतभेदों के कारण प्रगति रुकी हुई है।

कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में गतिरोध

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताओं में कृषि, डेयरी, ऑटो कंपोनेंट्स और स्टील जैसे क्षेत्रों में असहमति प्रमुख बाधा बनी हुई है। भारत अपनी घरेलू, विशेष रूप से किसानों के हितों की रक्षा के लिए दृढ़ है। गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों और स्थानीय उद्योगों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं करेगा। इस दृष्टिकोण से भारत ने एक मजबूत और संतुलित रुख अपनाया है, जिसमें वह वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है, लेकिन अपनी प्राथमिकताओं से समझौता किए बिना।

नए बाजारों की तलाश और निर्यात में विविधता

अमेरिका द्वारा कुछ भारतीय वस्तुओं पर एकतरफा टैरिफ लगाए जाने के जवाब में भारत ने अपने निर्यात को विविधता प्रदान करने की दिशा में कदम उठाए हैं। गोयल ने बताया कि भारत कई देशों में समर्पित आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से नए बाजारों की तलाश कर रहा है। इससे उन उद्योगों को सहारा मिलेगा जो अमेरिकी टैरिफ जैसे एकतरफा कदमों से प्रभावित हुए हैं। यह रणनीति भारत की वैश्विक व्यापार में लचीलापन और आत्मनिर्भरता को दर्शाती है।

निष्पक्ष व्यापार के लिए प्रतिबद्धता

गोयल ने अपने बयान में यह भी दोहराया कि भारत एक निष्पक्ष व्यापार समझौते के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा, "हम केवल ऐसे व्यापार समझौते करेंगे जो दोनों पक्षों के लिए लाभकारी हों।" यह बयान भारत की उस नीति को रेखांकित करता है जिसमें वह वैश्विक व्यापार में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है, लेकिन अपनी शर्तों पर। गोयल का यह रुख भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और वैश्विक मंच पर उसकी आत्मविश्वासपूर्ण स्थिति को दर्शाता है।

वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति

भारत ने हाल के वर्षों में अपनी व्यापार नीतियों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है। गोयल के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है, जो न केवल अपने हितों की रक्षा कर रहा है, बल्कि नए अवसरों की तलाश में भी सक्रिय है। अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं में भारत का यह रुख अन्य देशों के साथ भविष्य की वार्ताओं के लिए भी एक मिसाल कायम करता है।