Ad Image
Ad Image
चुनाव आयोग: EPIC नहीं तो 12 वैकल्पिक ID प्रूफ से कर सकेंगे मतदान || बिहार विधानसभा चुनाव 25 : 121 सीट के लिए अधिसूचना जारी || गाजा युद्ध विराम की निगरानी के लिए 200 अमेरिकी सैनिक होंगे तैनात || इजरायल और हमास ने किए गाजा शांति योजना पर हस्ताक्षर: राष्ट्रपति ट्रंप || टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

भारत को निशाना बनाना गलत: अमेरिकी विशेषज्ञ एश्ले जे. टेलिस

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

भारत को निशाना बनाना गलत: अमेरिकी विशेषज्ञ एश्ले जे. टेलिस ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना की

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका में चल रही बहस के बीच अमेरिकी सामरिक मामलों के विशेषज्ञ एश्ले जे. टेलिस ने भारत के खिलाफ उठ रही आलोचनाओं को अनुचित बताया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति प्रयासों में आ रही मुश्किलों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना बंद करना चाहिए।

भारत को निशाना बनाना अनुचित

एनडीटीवी से बातचीत में टेलिस ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान केवल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंशा पर निर्भर करता है। उनके मुताबिक, “जब तक पुतिन अपने उद्देश्यों पर अडिग रहेंगे, न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न ही राष्ट्रपति ट्रंप शांति स्थापित कर पाएंगे। पुतिन सिर्फ इसलिए युद्ध नहीं रोकेंगे क्योंकि उनके दोस्त ऐसा कह रहे हैं।”

ट्रंप प्रशासन का टैरिफ फैसला

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने 27 अगस्त को भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। ट्रंप का आरोप है कि भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि 2024 में चीन ने 62.6 अरब डॉलर का रूसी तेल आयात किया, जबकि भारत ने 52.7 अरब डॉलर का आयात किया। इसके बावजूद ट्रंप प्रशासन ने चीन को छोड़कर भारत को कठोर कदमों का निशाना बनाया है।

पीटर नवारो का विवादित बयान

ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने हाल ही में विवादित टिप्पणी करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को "मोदी का युद्ध" बताया। नवारो का दावा है कि भारत की रूसी ऊर्जा पर निर्भरता मॉस्को की सैन्य आक्रामकता को बल देती है। उन्होंने कहा, “शांति का रास्ता, कुछ हद तक, नई दिल्ली से होकर गुजरता है।” इस बयान ने अमेरिका और भारत दोनों जगहों पर तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया।

विशेषज्ञों का मत

टेलिस का कहना है कि भारत को बलि का बकरा बनाना अनुचित है। असल चुनौती रूस की आक्रामक रणनीति है, जिसे केवल पुतिन बदल सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि “ट्रंप की शांति पहल की विफलता के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना न सिर्फ गलत है बल्कि कूटनीतिक दृष्टि से भी हानिकारक है।”

टेलिस का यह बयान अमेरिका में चल रही उस बढ़ती आलोचना पर चोट करता है, जिसमें भारत को यूक्रेन युद्ध की जटिलताओं का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका को भारत पर दबाव डालने की बजाय रूस पर कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है।