
लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |
मतदाता सूची पुनरीक्षण-2025 के लिए निर्वाचक निबंधन अधिकारी, बीएलओ और संबंधित कर्मियों के तबादले पर तत्काल लगाई रोक।
भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा बिहार राज्य के लिए घोषित विशेष गहन पुनरीक्षण-2025 कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस पुनरीक्षण कार्यक्रम में संलग्न जिला स्तरीय सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव बिहार द्वारा जारी एक पत्र के माध्यम से उनके स्थानांतरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन पदाधिकारी एवं कर्मियों की प्रत्यक्ष भूमिका निर्धारित की गई है। इनमें निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, बीएलओ सुपरवाइजर, और बूथ लेवल ऑफिसर प्रमुख रूप से शामिल हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीएलओ सुपरवाइजर और बीएलओ के रूप में विभिन्न विभागों के कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें मुख्य रूप से शिक्षक, विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविकाएं, कचहरी सचिव, पंचायत सचिव, टोला सेवक आदि शामिल हैं, जिनकी इस पुनरीक्षण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भागीदारी है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी ने मुख्य सचिव बिहार से प्राप्त पत्र के आलोक में यह निर्देश जारी किया है कि जिन कर्मियों को विशेष गहन पुनरीक्षण में महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है, अर्थात निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, बीएलओ सुपरवाइजर, बीएलओ, तथा निर्वाचन सूची के कार्यों से जुड़े अन्य सभी संबंधित कर्मियों के स्थानांतरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। यह कदम पुनरीक्षण कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा के बिना मतदाता सूची का कार्य कुशलतापूर्वक संपन्न हो सके।
इस निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षित और अनुभवी कर्मियों की निरंतर उपलब्धता बनी रहे, जिससे मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिहीन बनाने में मदद मिलेगी।