
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
प्रवचन में गोकुल भाईजी ने श्रीकृष्ण के आदर्श जीवन और कर्मयोग के सिद्धांतों पर डाला प्रकाश।
रक्सौल: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव, जन्माष्टमी के पावन अवसर पर ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र, बिरगंज द्वारा एक भव्य और प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ओम शांति भवन, छपकैया में आयोजित इस समारोह में सतयुगी दुनिया की चैतन्य झांकी और प्रवचन ने सभी उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य श्रीकृष्ण के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना था।
इस गरिमामय कार्यक्रम की अध्यक्षता बिरगंज क्षेत्र की संचालिका और बालब्रह्मचारिणी तपस्विनी रबिना दीदी ने की। उन्होंने सभी अतिथियों और श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए जन्माष्टमी के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने बढ़ाया कार्यक्रम का गौरव
कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आए गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही, जिन्होंने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मुख्य अतिथियों में पर्सा जिला अदालत के श्रेस्तेदार प्रभाकर मल्लिक और उद्योग वाणिज्य संघ बिरगंज के अध्यक्ष हरि गौतम शामिल थे। इसके अतिरिक्त, सामुदायिक प्रहरी छपकैया के अध्यक्ष ग्यासुदिन ठकुराई, रुंगटा वेलफेयर सोसाइटी बिरगंज के अध्यक्ष सुरेश रुंगटा, नेपाल रेडक्रस सोसाइटी बिरगंज शाखा की उपाध्यक्ष श्रीमती मधु राणा, और माउंट आबू से पधारे अशोक भाईजी की विशेष उपस्थिति रही। पत्रकार अजित भुजेल, अभिलाष गुप्ता, प्रह्लाद चौरसिया, जाकिर हुसैन सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति और भक्तजन भी इस समारोह का हिस्सा बने।
बाल कलाकरों ने जीवंत किया श्रीकृष्ण का बचपन
कार्यक्रम का सबसे आकर्षक पहलू बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई मनमोहक झांकियां थीं। नन्हें-मुन्हें बालक-बालिकाओं ने कृष्ण और राधा के वेश में सजीव झांकियां प्रस्तुत कर ऐसा समां बांधा कि पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने भी शानदार नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिससे दर्शकों में उत्साह का संचार हुआ। बच्चों की कला ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गोकुल भाईजी का प्रेरणादायक प्रवचन
कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र की बेलि दीदी, गोबर्धन भाईजी और गोकुल भाईजी का विशेष सहयोग रहा। अपने सारगर्भित प्रवचन में गोकुल भाईजी ने भगवान श्रीकृष्ण के आदर्श जीवन और उनकी शिक्षाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "आज हम सबको भगवान श्रीकृष्ण की तरह ही सत्यनिष्ठ, कर्मयोगी और आदर्श जीवन जीना चाहिए। उनका जीवन हमें सिखाता है कि हम धर्म और सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन कैसे करें।"
इस कार्यक्रम ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मंच में बदल दिया। उपस्थित अतिथियों और भक्तजनों ने इस आयोजन को अत्यंत प्रेरणादायी और समाज में सकारात्मक ऊर्जा भरने वाला बताया। सभी ने ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र के प्रयासों की सराहना की।