
एंटरटेनमेंट डेस्क, ऋषि राज |
प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक रामायण के निर्माता रामानंद सागर के बेटे और फिल्म-टीवी जगत की जानी-मानी हस्ती प्रेम सागर का निधन हो गया है। वह 68 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। प्रेम सागर ने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक कथाओं को पर्दे पर प्रस्तुत किया, बल्कि हिंदी सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया में भी अपनी अलग पहचान बनाई।
प्रेम सागर का नाम खासतौर पर रामानंद सागर के प्रोडक्शन हाउस सागर आर्ट्स से जुड़ा रहा। उन्होंने नब्बे के दशक में कई धारावाहिकों और धार्मिक कार्यक्रमों का निर्माण किया, जिनमें अलिफ लैला, जय गंगा मैया और श्री कृष्ण प्रमुख रहे। इन धारावाहिकों ने दर्शकों का दिल जीता और भारतीय टेलीविजन के इतिहास में अमर हो गए। प्रेम सागर ने तकनीक और प्रस्तुति के स्तर पर धार्मिक कथाओं को आधुनिक रूप देकर नए दर्शक वर्ग तक पहुँचाने का काम किया।
फिल्मी पृष्ठभूमि से आने वाले प्रेम सागर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई में की थी। उन्होंने निर्देशन और निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने से पहले विज्ञापन और प्रोडक्शन से जुड़े काम किए। अपने पिता की तरह वह भी भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं को दर्शकों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध रहे। उनकी मान्यता थी कि भारतीय समाज की जड़ों को मजबूत करने के लिए टेलीविजन सबसे प्रभावी माध्यम है।
उनके निधन से फिल्म और टीवी उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई है। कई कलाकारों और निर्देशकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अभिनेता अरुण गोविल, जिन्होंने रामानंद सागर की रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाई थी, ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रेम सागर एक सच्चे दूरदर्शी निर्माता थे, जिन्होंने धार्मिक कथाओं को घर-घर तक पहुँचाया।
परिवार के अनुसार, प्रेम सागर का अंतिम संस्कार मुंबई में किया जाएगा। उनके निधन को भारतीय टेलीविजन के स्वर्णिम युग की एक बड़ी क्षति माना जा रहा है। रामानंद सागर की विरासत को आगे बढ़ाने वाले प्रेम सागर का जाना भारतीय टेलीविजन की दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति है।