राष्ट्रीय महिला आयोग सदस्य ममता कुमारी का पूर्वी चंपारण दौरा: महिला सुरक्षा और अधिकारों पर विशेष जोर

लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की सदस्य श्रीमती ममता कुमारी ने बुधवार को पूर्वी चंपारण में महिला सुरक्षा और अधिकारों के संबंध में एक व्यापक दौरा किया, जिसमें जेल निरीक्षण, जनसुनवाई और प्रशासनिक बैठकें शामिल थीं।
जेल निरीक्षण और कैदी महिलाओं के लिए पहल
श्रीमती ममता कुमारी ने सुबह 9 बजे केंद्रीय कारा, मोतिहारी का निरीक्षण किया। उन्होंने जेल में बंद महिला कैदियों और उनके बच्चों की स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान, उन्होंने पाया कि कई महिला कैदियों के पास आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और वृद्धा पेंशन कार्ड नहीं थे। इस गंभीर मुद्दे पर उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे सात दिनों के भीतर एक कैंप का आयोजन करें ताकि इन कार्डों को बनवाना सुनिश्चित किया जा सके।
इसके अलावा, श्रीमती कुमारी ने जेल अधीक्षक को महिला कैदियों और उनके बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष रूप से मैट्रिक पास लड़कियों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण (स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग) शुरू करने पर जोर दिया, ताकि जेल से बाहर आने के बाद वे एक बेहतर और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
महिला जनसुनवाई: 51 से अधिक शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश
सुबह 10 बजे, पूर्वी चंपारण समाहरणालय स्थित राजेंद्र सभागार में एक महिला जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में महिलाएं अपनी शिकायतें लेकर पहुंचीं। श्रीमती ममता कुमारी ने 51 से अधिक आवेदनों पर विस्तार से चर्चा की और प्रत्येक प्रकरण को गंभीरता से सुना।
उन्होंने पीड़ित महिलाओं को आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। संबंधित अधिकारियों को शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए।
पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक: संवेदनशीलता और जवाबदेही पर बल
दोपहर 2:30 बजे, श्रीमती ममता कुमारी ने जिलाधिकारी श्री सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक श्री स्वर्ण प्रभात, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस, सभी थाना प्रभारियों सहित अन्य जिला स्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की।
बैठक में महिला उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, साइबर क्राइम, दहेज प्रताड़ना और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। श्रीमती कुमारी ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, "हमारी जिम्मेदारी सिर्फ कानून की पालना तक सीमित नहीं है, बल्कि एक ऐसा वातावरण बनाना है जिसमें हर महिला खुद को सुरक्षित और सम्मानित महसूस करे।"
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को विशेष रूप से संवेदनशीलता और जवाबदेही के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा, "जब एक महिला पुलिस स्टेशन में जाती है, तो वह केवल एक केस नहीं लेकर आती है – वह अपने सम्मान, अपने आत्म-सम्मान और अपने जीवन की रक्षा की अपेक्षा लेकर आती है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उसके साथ संवेदनशीलता से पेश आएं, न्यायसंगत ढंग से उसकी बात को सुनें और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें।"
श्रीमती कुमारी ने अधिकारियों को यह भी याद दिलाया कि यदि एक भी महिला अपने साथ हुए अन्याय को लेकर थाने जाने में डरती है, तो यह पूरे तंत्र की विफलता है। उन्होंने आपसी समन्वय, संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करने का आह्वान किया ताकि महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, भरोसेमंद और सम्मानजनक वातावरण बनाया जा सके।
वन स्टॉप सेंटर और सदर अस्पताल का निरीक्षण
अपने दौरे के अंत में, राष्ट्रीय महिला आयोग सदस्य श्रीमती ममता कुमारी ने वन स्टॉप सेंटर और सदर अस्पताल का भी निरीक्षण किया, ताकि महिला कल्याण और सहायता सेवाओं की स्थिति का सीधा आकलन किया जा सके।
श्रीमती कुमारी का यह दौरा पूर्वी चंपारण में महिला सुरक्षा और अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें जमीनी स्तर पर समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए ठोस निर्देश दिए गए।