
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
बिहार की राजनीति में जुबानी जंग तेज़ हो गई है। उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव पर सीधा वार करते हुए उनके कार्यक्रमों को ‘खलनायकों’ जैसा करार दिया। सिन्हा ने कहा कि ये दोनों नेता खुद को ‘जननायक’ कहलवाने का सपना देखते हैं, लेकिन जनता के बीच उनका आचरण और राजनीति भ्रम फैलाने वाली है।
विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि जहां एक ओर एनडीए सरकार ‘विकसित बिहार’ के एजेंडे पर काम कर रही है, वहीं विपक्ष केवल अफवाह और नकारात्मकता फैलाकर बिहार को गुमराह करना चाहता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका रचनात्मक होनी चाहिए, लेकिन राहुल और तेजस्वी जनता का विश्वास मज़बूत करने के बजाय अविश्वास और अराजकता का माहौल खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एनडीए सरकार विकास की नई राह खोल रही है—चाहे वह शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र हो या रोज़गार और बुनियादी ढांचा। दूसरी ओर, विपक्ष के नेता जनता को गुमराह करने वाले एजेंडे पर काम कर रहे हैं और बिहार की प्रगति में रोड़ा डालना चाहते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, विजय सिन्हा का यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा अपने विकास मॉडल को सामने रखकर जनता को साधना चाहती है, जबकि विपक्ष बेरोज़गारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को भुनाने की कोशिश में है। इस कारण बिहार की सियासत और ज्यादा गरमा रही है।
कुल मिलाकर, बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के बीच बयानबाज़ी का दौर चरम पर है। आने वाले चुनाव में यह सियासी जंग और तीखी होने की संभावना है, जिसका असर सीधा जनता के मूड और वोटिंग पैटर्न पर पड़ सकता है।