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शराब तस्करी से करोड़ों कमाने वाला माफिया ललन रॉय गिरफ्तार

लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |

ललन रॉय की काली कमाई पर चलेगा बुलडोजर। बिहार सरकार ने ₹35,000 का इनाम घोषित कर रखा था। अपराध के अड्डे पर पुलिस का वार।

यहां की धरती पर अपराध की जड़ें उखाड़ने में जुटी पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। चिरैया थाना क्षेत्र से पुलिस ने कुख्यात शराब माफिया ललन रॉय को गिरफ्तार कर लिया है। यह वही ललन है जिसकी गिरफ्तारी पर बिहार सरकार ने ₹35,000 का इनाम घोषित कर रखा था। ललन पर एक नहीं, बल्कि दर्जनों संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं। अब उसके खिलाफ कानूनी शिकंजा और कसता जा रहा है, क्योंकि पुलिस ने उसकी 2.10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गिरफ्तारी के बाद पूर्वी चंपारण पुलिस ने एक के बाद एक कई ठोस कदम उठाए हैं। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने पुष्टि की है कि ललन की चल-अचल संपत्ति की पहचान कर ली गई है और कोर्ट में संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। इसका मकसद साफ है; अपराध की जड़ पर सिर्फ कानून का डंडा नहीं, आर्थिक चोट देकर उसकी रीढ़ तोड़ना।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक ललन रॉय शराब तस्करी, अवैध कब्जा, फायरिंग, धमकी और सरकारी काम में बाधा जैसे मामलों में लिप्त रहा है। उसके खिलाफ IPC की धाराएं 147, 148, 149, 307, 379, 385, 387 से लेकर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम और आर्म्स एक्ट की धाराएं तक लगी हैं। यानी उसका आपराधिक इतिहास न सिर्फ लंबा है, बल्कि बेहद खतरनाक भी है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ललन रॉय के जुर्म की विरासत सिर्फ उसी तक सीमित नहीं रही। उसका भाई गुड्डू रॉय भी शराब तस्करी में सक्रिय है। यह पूरा परिवार ही कानून की नजरों में अपराध का पर्याय बन चुका था। यही कारण है कि पुलिस ने अब सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, बल्कि नेटवर्क ध्वस्त करने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है।

इस ऑपरेशन को अंजाम देने में सिकरहना डीएसपी अशोक कुमार, चिरैया थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार और थाना की सशस्त्र पुलिस टीम ने विशेष भूमिका निभाई। गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ललन से पूछताछ कर रही है और उम्मीद है कि इस पूछताछ से शराब माफिया गिरोहों के कई और चेहरे बेनकाब होंगे।

यह कार्रवाई केवल एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उन तमाम अपराधियों को चेतावनी है जो यह समझते हैं कि पैसे और पावर के दम पर कानून को धता बता सकते हैं। पूर्वी चंपारण पुलिस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अपराध चाहे जितना बड़ा हो, कानून की पकड़ से बचना नामुमकिन है।

यह गिरफ्तारी न केवल जिले में पुलिस की बढ़ती सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि बिहार में शराबबंदी को मजाक समझने वालों पर अब दोहरी मार पड़ेगी – जेल की सलाखें और करोड़ों की संपत्ति की जब्ती।