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नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर |
सुप्रीम कोर्ट में पहली बार आरक्षण नीति लागू, SC को 15% और ST को 7.5% कोटा
सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने कर्मचारियों की भर्ती और पदोन्नति में पहली बार आरक्षण नीति को लागू किया है। इस फैसले से अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के कर्मचारियों को अब सीधे 22.5% आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह नीति 23 जून 2025 से प्रभावी मानी गई है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने इतिहास में पहली बार कर्मचारियों के लिए आरक्षण नीति को आधिकारिक रूप से लागू किया है। इस निर्णय के तहत SC वर्ग को 15% और ST वर्ग को 7.5% आरक्षण मिलेगा। कुल मिलाकर 22.5% आरक्षण अब सुप्रीम कोर्ट की भर्ती और पदोन्नति प्रणाली में प्रभावी रूप से लागू होगा।
24 जून 2025 को जारी किए गए एक सर्कुलर के माध्यम से यह जानकारी सभी कर्मचारियों को दी गई। सर्कुलर में बताया गया कि यह नया आरक्षण रोस्टर मॉडल अब सुप्रीम कोर्ट के आंतरिक नेटवर्क Supnet पर अपलोड कर दिया गया है और इसे 23 जून 2025 से प्रभावी माना जाएगा।
यह नीति सीनीयर पर्सनल असिस्टेंट, असिस्टेंट लाइब्रेरियन, जूनियर कोर्ट असिस्टेंट, चैंबर अटेंडेंट जैसे विभिन्न पदों पर लागू होगी। इससे न केवल सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सामाजिक न्याय को भी बल मिलेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के कार्यकाल में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है, जो स्वयं SC समुदाय से आते हैं। यह पहल न केवल भर्ती, बल्कि प्रमोशन में भी आरक्षण सुनिश्चित करेगी, जिससे SC/ST समुदाय के कर्मचारियों को करियर में बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
इस नीति को भारत के न्याय तंत्र में समावेश और समानता की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।