
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
सीज़फायर के बाद पहली बार सामने आए ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला खामेनेई, बोले - हमला हुआ तो अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर करेंगे पलटवार
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक चले खूनी संघर्ष के बाद अब दोनों देशों में युद्धविराम लागू हो चुका है, लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई गुरुवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए और उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने दोबारा हमला किया, तो ईरान मध्य-पूर्व में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाएगा।
खामेनेई का सीधा संदेश: "हम झुकेंगे नहीं" 86 वर्षीय खामेनेई ने यह भाषण ईरानी स्टेट टेलीविज़न पर एक रिकॉर्डेड वीडियो के ज़रिए दिया। वे एक गुप्त स्थान पर भूरे पर्दे के सामने बैठे थे, जहाँ उनके पीछे ईरान का राष्ट्रीय ध्वज और उनके पूर्ववर्ती आयतुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी की तस्वीर लगी हुई थी।
उन्होंने कहा: "इस्लामिक रिपब्लिक ने अमेरिका को ज़ोरदार तमाचा मारा है। हमने क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला किया। यह कोई छोटी घटना नहीं है। यह एक बड़ी चेतावनी है – और अगर दोबारा हमला हुआ, तो यह फिर दोहराई जाएगी।”
कतर में अमेरिकी अड्डे पर ईरान का हमला
खामेनेई का इशारा था कतर में स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अड्डे पर हुए उस ईरानी हमले की ओर, जो उस समय हुआ जब अमेरिका ने इजरायल के समर्थन में ईरान के खिलाफ हवाई हमलों में भाग लिया था। इस हमले के बाद ही ईरान ने युद्धविराम को स्वीकार किया था।
ट्रंप पर तीखा प्रहार
अपने संबोधन में खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा:
"ट्रंप ने खुद सच्चाई उजागर कर दी है – अमेरिका को झुकाव नहीं, बल्कि पूर्ण आत्मसमर्पण चाहिए। लेकिन हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। ईरान कभी नहीं झुकेगा।”
मुख्य बिंदु:
- ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई ने युद्धविराम के बाद पहली बार टेलीविज़न पर संबोधन दिया।
- कहा, “अगर अमेरिका ने हमला किया, तो हम उसके क्षेत्रीय ठिकानों पर सीधा हमला करेंगे।”
- कतर में अमेरिकी अड्डे पर हमला कर ईरान ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया।
- “इस्लामिक रिपब्लिक आत्मसमर्पण नहीं करेगी,” - खामेनेई का दृढ़ संदेश।
यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका-ईरान संबंध पहले से ही चरम तनाव में हैं।
क्या युद्धविराम टिक पाएगा?
विशेषज्ञों के मुताबिक, खामेनेई का यह बयान दर्शाता है कि ईरान अब पूरी तरह से रक्षात्मक नहीं बल्कि हमलावर मुद्रा में है। ऐसे में यह युद्धविराम स्थायी शांति की गारंटी नहीं है, बल्कि एक अस्थायी विराम हो सकता है।
पूरी दुनिया की नजर इस समय पश्चिम एशिया के हालात पर टिकी हुई है। आने वाले कुछ दिन तय करेंगे कि यह युद्धविराम लंबे समय तक कायम रहता है या फिर जंग की आग दोबारा भड़कती है।