
नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |
हिंदू महिला की निर्मम हत्या: इस्लाम कुबूल न करने पर प्रेमी ने गला रेता, आरोपी रईस खान गिरफ्तार...
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नावरा गांव से एक सनसनीखेज हत्याकांड सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। एक हिंदू महिला भगवती धानुक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोप है कि महिला के मुस्लिम प्रेमी रईस खान ने उस पर इस्लाम कुबूल कर निकाह करने का दबाव बनाया और इनकार करने पर गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
मृतका भगवती धानुक (उम्र 35 वर्ष) एक तलाकशुदा हिंदू महिला थी। बताया जा रहा है कि उसका अपने पति, जो पुलिस विभाग में कार्यरत था, से वर्षों पहले तलाक हो गया था। तलाक के बाद वह रईस खान नामक मुस्लिम युवक के साथ प्रेम-प्रसंग में थी। दोनों पिछले कई वर्षों से साथ रह रहे थे। रईस भी विवाहित था, लेकिन उसने भी अपनी पत्नी से तलाक ले लिया था, जो फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है।
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार रात को दोनों के बीच जोरदार बहस हुई। झगड़े की वजह रईस द्वारा भगवती पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना था। वह चाहता था कि भगवती इस्लाम धर्म अपना कर उससे निकाह कर ले। भगवती ने इसका विरोध किया और यही बात उसकी हत्या का कारण बनी। क्रोधित रईस ने धारदार चाकू से उसका गला रेत दिया, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलने के बाद शनिवार सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और भगवती धानुक का शव बरामद किया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और तत्काल प्रभाव से आरोपी रईस खान को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। मामले में हत्या और जबरन धर्म परिवर्तन के एंगल से भी जांच की जा रही है।
घटना के बाद से नावरा गांव और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल है। स्थानीय हिंदू संगठनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों ने आरोपी को फांसी देने की मांग करते हुए कहा कि यह केवल हत्या नहीं, बल्कि "लव जिहाद" का मामला है। गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं भगवती के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने भी न्याय की मांग करते हुए कहा कि उनकी बेटी ने प्यार किया, लेकिन उसकी कीमत जान देकर चुकाई। परिजन चाहते हैं कि इस तरह के मामलों में त्वरित न्याय हो ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह मामला केवल एक जघन्य हत्या नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक तनाव का प्रतीक बन गया है। पुलिस पर निष्पक्ष जांच का दबाव है, जबकि समाज एक बार फिर "लव जिहाद" जैसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर बंटा नजर आ रहा है। अब देखना होगा कि न्यायिक प्रक्रिया कितनी तेज़ी से आगे बढ़ती है और पीड़ित परिवार को कब तक इंसाफ मिलता है।