
नेशनल डेस्क, श्रेयांश परासर |
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की घोषणा करते हुए कहा है कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने माओवादियों से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का आह्वान किया और चेताया कि अब सरकार की नीति स्पष्ट है – बंदूक छोड़ो या परिणाम भुगतो। तेलंगाना के निजामाबाद में हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय के उद्घाटन के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों और माओवादियों को सख्त संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार प्रतिबंधित संगठनों के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं करेगी। शाह ने माओवादियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का सुझाव देते हुए कहा कि हथियार छोड़ दें, नहीं तो 31 मार्च 2026 तक उन्हें पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
शाह ने पूर्वोत्तर भारत में हुई प्रगति का हवाला देते हुए बताया कि वहां करीब 10 हजार लोगों ने हथियार छोड़कर लोकतंत्र को अपनाया है। इन लोगों ने पंचायत से लेकर विधानसभा तक चुनावों में हिस्सा लिया है। पिछले डेढ़ वर्षों में लगभग 2000 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
मध्य प्रदेश में भी नक्सल प्रभाव खत्म होने की ओर बढ़ रहा है। राज्य के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने जानकारी दी कि प्रदेश में अब केवल एक जिले में सीमित नक्सल समस्या रह गई है, और वहां भी पुलिस ने बीते छह महीनों में मुठभेड़ों के ज़रिए कई नक्सलियों का सफाया किया है।
शाह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि "कांग्रेस माओवादियों से बातचीत की बात करती है, लेकिन हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है – हम केवल हथियार छोड़ने वालों से बात करेंगे।"
सरकार का यह रुख स्पष्ट करता है कि आने वाले समय में नक्सलवाद पर सख्त और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी, और 2026 तक इसे समाप्त करने का लक्ष्य सिर्फ संकल्प नहीं, एक ठोस योजना है।