
नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |
मुंबई: उद्योगपति राज कुंद्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा कथित तौर पर ₹60 करोड़ जमा करने के आदेश की खबरों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इसे गलत और भ्रामक बताया है। कुंद्रा ने कहा कि अदालत ने उनसे कोई राशि जमा करने का आदेश नहीं दिया, बल्कि केवल उनकी विदेश यात्रा के उद्देश्य और औपचारिक पत्राचार की जानकारी मांगी है। यह बयान तब आया जब कुंद्रा और उनकी पत्नी, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी, ₹60 करोड़ के कथित धोखाधड़ी मामले में जांच के दायरे में हैं।
‘कोई राशि जमा करने का आदेश नहीं’
कुंद्रा ने एक साक्षात्कार में कहा, “अदालत ने मुझसे कोई राशि जमा करने का निर्देश नहीं दिया, जैसा कि गलत तरीके से दावा किया जा रहा है। कोर्ट ने केवल मेरी यात्रा के उद्देश्य और औपचारिक दस्तावेजों की जानकारी मांगी है, जिसे अगली सुनवाई की तारीख, 14 अक्टूबर को जमा करना है।” उन्होंने इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा बार-बार गलत जानकारी देने पर नाराजगी जताई। कुंद्रा ने कहा, “मैं शिकायतकर्ता की बार-बार की गलतबयानी से तंग आ चुका हूं। इसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, और आने वाले दिनों में कई तथ्य सामने आएंगे।” उन्होंने मीडिया से भी तथ्यों की जांच करने की अपील की ताकि भ्रामक खबरें न फैलें।
धोखाधड़ी के आरोपों का मामला
यह पूरा मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा की जा रही जांच से जुड़ा है। शिकायतकर्ता दीपक कोठारी, जो मुंबई के एक 60 वर्षीय व्यवसायी और लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक हैं, ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कोठारी का दावा है कि 2015 से 2023 के बीच उन्होंने कुंद्रा और शेट्टी को उनके व्यवसाय के विस्तार के लिए ₹60 करोड़ से अधिक की राशि दी थी, लेकिन इस राशि का इस्तेमाल कथित तौर पर उनके निजी खर्चों के लिए किया गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
कोठारी के मुताबिक, उन्होंने अप्रैल 2015 में एक शेयर सब्सक्रिप्शन समझौते के तहत ₹31.95 करोड़ और सितंबर 2015 में एक पूरक समझौते के तहत ₹28.53 करोड़ की राशि हस्तांतरित की थी। हालांकि, बाद में उन्हें पता चला कि कंपनी के खिलाफ एक अन्य निवेशक को कथित तौर पर धोखा देने के लिए दिवालिया कार्यवाही शुरू हो चुकी थी। कोठारी ने आरोप लगाया कि कुंद्रा और शेट्टी ने उनकी राशि का “बेईमानी से” निजी लाभ के लिए उपयोग किया और इसे वापस करने में विफल रहे।
कानूनी कार्रवाई और लुक आउट सर्कुलर
इस शिकायत के आधार पर, ईओडब्ल्यू ने शिल्पा शेट्टी, राज कुंद्रा और एक अज्ञात सहयोगी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 403 (बेईमानी से संपत्ति का उपयोग), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 (साझा इरादा) के तहत मामला दर्ज किया। इस मामले में दोनों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया गया था, जिसके कारण उनकी विदेश यात्रा पर रोक लगी हुई है। कुंद्रा और शेट्टी ने इस एलओसी को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई अब 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
कुंद्रा का पक्ष और भविष्य की कार्रवाई
कुंद्रा ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि वह और उनकी पत्नी इस मामले में पारदर्शी तरीके से सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ जल्द ही कुछ कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं। “हम सच को सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शिकायतकर्ता की ओर से बार-बार गलत जानकारी दी जा रही है, जिसका जवाब हम उचित समय पर देंगे,” उन्होंने कहा।
अन्य जांच और विवाद
यह पहली बार नहीं है जब राज कुंद्रा विवादों में घिरे हैं। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कथित बिटकॉइन घोटाले में कुंद्रा के पास ₹150 करोड़ मूल्य के टोकन होने का दावा किया था। हालांकि, कुंद्रा ने इन आरोपों को भी खारिज किया था। इस बीच, शिल्पा शेट्टी ने इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह भी इन आरोपों को निराधार मानती हैं और कानूनी प्रक्रिया के जरिए इसे सुलझाने की कोशिश कर रही हैं।
मामले पर नजर
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी को सुर्खियों में ला दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट में 14 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, जहां इस मामले में नए तथ्य सामने आ सकते हैं। तब तक, कुंद्रा ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह की गलत जानकारी को बर्दाश्त नहीं करेंगे और कानूनी रास्ते से सच सामने लाएंगे।