
नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेक‑ऑफ़ के चंद सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस भयानक हादसे में कुल 259 में से 258 लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना देशभर में हवाई यात्रा की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अब, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई 2025 को इस हादसे पर अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसमें हादसे के कारणों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, टेक‑ऑफ़ के दौरान विमान के दोनों इंजन अचानक “RUN” मोड से “CUTOFF” मोड में चले गए, जिससे ईंधन की आपूर्ति रुक गई। इसका सीधा परिणाम यह हुआ कि विमान के दोनों इंजन बंद हो गए और वह आवश्यक ऊंचाई प्राप्त नहीं कर सका। यह हादसा अहमदाबाद से उड़ान भरने के केवल 30 से 32 सेकंड के भीतर हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्थिति सामान्य उड़ान प्रक्रिया के बिल्कुल विपरीत थी, क्योंकि टेक‑ऑफ़ के दौरान इंजन का फ्यूल कंट्रोल स्विच “RUN” स्थिति में होना चाहिए था।
ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से प्राप्त ऑडियो से यह संकेत मिलता है कि पायलटों को इस ईंधन आपूर्ति के अचानक कट जाने की कोई उम्मीद नहीं थी। रिपोर्ट में दर्ज बातचीत में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि “तुमने फ्यूल क्यों काटा?”, जिस पर जवाब आता है, “मैंने नहीं किया!”। यह स्पष्ट करता है कि इंजन स्विच अपने आप बंद हो गए थे या फिर अनजाने में किसी ने उन्हें बदला था। इसके बाद दोनों पायलट “मयडे” कॉल करते हैं और रेडियो पर सन्नाटा छा जाता है, जो संकेत देता है कि दुर्घटना कितनी तेजी से घटी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इंजन “CUTOFF” मोड में जाने के कुछ सेकंड बाद फिर से “RUN” मोड में लौटे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विमान ज़मीन के बहुत करीब था और इंजन पूरी शक्ति से दोबारा शुरू नहीं हो सके। इस कारण विमान ने पर्याप्त गति और ऊंचाई नहीं पकड़ पाई और एक खुले क्षेत्र में जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
AAIB ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह तकनीकी गड़बड़ी थी या मानव त्रुटि। हालांकि रिपोर्ट ने पायलटों या ग्राउंड क्रू की ओर कोई सीधा दोष नहीं इंगित किया है, फिर भी इस घटना ने एयरलाइंस के सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी एयरलाइनों को निर्देश दिया है कि वे अपने टेक्निकल और चेकलिस्ट सिस्टम की सघन समीक्षा करें।
सरकार ने मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। साथ ही, बोइंग 787-8 विमान की संपूर्ण सुरक्षा प्रणाली की भी समीक्षा की जा रही है। यह हादसा न केवल तकनीकी लापरवाही का प्रतीक है, बल्कि यह चेतावनी भी है कि हवाई सुरक्षा में ज़रा सी चूक भी बड़े पैमाने पर त्रासदी ला सकती है।