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America ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किया हवाई हमला

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किया हवाई हमला, क्षेत्रीय तनाव चरम पर

ईरान और इज़राइल के बीच जारी भीषण टकराव के बीच, अमेरिका ने शुक्रवार देर रात ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर B-2 बॉम्बर्स से हवाई हमला कर दिया। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक, यह हमला एक “सटीक और लक्षित ऑपरेशन” था, जिसका उद्देश्य ईरान की परमाणु क्षमता को “स्थायी रूप से क्षति” पहुंचाना था।

किन ठिकानों को बनाया गया निशाना?

1. अराक हैवी वॉटर रिएक्टर 
यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा था। यहां प्लूटोनियम उत्पादन की आशंका जताई जाती थी।

2. नतांज़ यूरेनियम संवर्धन 
यह ठिकाना पहले भी इज़राइली साइबर हमलों का निशाना बन चुका   है। अब इसकी सतह पर मौजूद संरचनाएं भारी बमबारी में नष्ट कर दी गईं।

3. फ़ोर्दो अंडरग्राउंड फैसिलिटी 
यह स्थल ईरान के पहाड़ों के भीतर बसा है, लेकिन अमेरिकी B-2 बमवर्षकों ने "बंकर बस्टर" बमों से गहरी मार की।

अमेरिका का बयान:

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा,
"यह कार्रवाई केवल ईरान की सैन्य आक्रामकता और परमाणु महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए की गई है। इसका उद्देश्य युद्ध नहीं, बल्कि शांति सुनिश्चित करना है।”

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस ऑपरेशन को “अत्यंत आवश्यक कदम” बताया और चेताया कि
"अगर ईरान आगे बढ़ा, तो अमेरिका की अगली कार्रवाई और भी कड़ी होगी।”

ईरान की प्रतिक्रिया:

ईरान ने इस हमले को “खुली आक्रामकता” और “युद्ध की घोषणा” करार दिया है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि वे अब "पूरे पश्चिम एशिया में अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाएंगे।"

तेहरान से जारी बयान में कहा गया:

"अमेरिका ने हमारी संप्रभुता पर हमला किया है, अब हम अपने बचाव के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।”

वैश्विक प्रतिक्रिया:

  • रूस और चीन ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी निंदा की है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई है।
  • भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
  • फ्रांस और जर्मनी ने “संकट को कूटनीति से हल करने” की अपील की है।

यह हमला केवल ईरान और अमेरिका के बीच नहीं, बल्कि पूरे मध्य पूर्व को अस्थिर करने वाला कदम साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे तेल के दामों में उछाल, वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय राजनयिक संबंधों में तनाव बढ़ना तय है।

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले ने विश्व राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। अब देखना यह है कि क्या ईरान पलटवार करता है या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस टकराव को शांति में बदलने में सफल होता है।