‘Cyber Suraksha’ अभ्यास: भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने साइबर हमलों से निपटने के लिए शुरू किया 12 दिवसीय अभियान

नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने तेजी से बढ़ते साइबर खतरों और डिजिटल युद्ध की संभावनाओं को देखते हुए ‘Cyber Suraksha’ नामक एक विशेष साइबर सुरक्षा अभ्यास की शुरुआत की है। यह अभ्यास 12 दिनों तक चलेगा और इसमें थल सेना, वायु सेना और नौसेना की साइबर यूनिट्स के साथ-साथ NTRO (नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन), CERT-In, DRDO तथा अन्य प्रमुख तकनीकी एजेंसियों की भी भागीदारी है। यह अभ्यास बहु-चरणीय होगा, जिसमें पहले चरण में खतरे की पहचान, दूसरे में त्वरित प्रतिक्रिया और तीसरे में डेटा पुनर्प्राप्ति तथा रिपोर्टिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से उत्पन्न हो रहे संभावित साइबर हमलों से रक्षा प्रणालियों को सुरक्षित करना और संकट की स्थिति में त्वरित तथा समन्वित प्रतिक्रिया देना है। अभ्यास के दौरान भारतीय सेनाएं अपनी नेटवर्क सुरक्षा, डेटा एन्क्रिप्शन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित खतरों की पहचान और साइबर वारफेयर सिमुलेशन जैसी तकनीकों पर काम करेंगी। यह पहली बार है जब सशस्त्र बलों द्वारा इतनी व्यापक साइबर ड्रिल आयोजित की जा रही है, जिसमें नागरिक और सैन्य एजेंसियों की संयुक्त भागीदारी हो रही है।
रक्षा मंत्रालय ने इस अभ्यास को भारत की साइबर क्षमता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ‘Cyber Suraksha’ भारत को न केवल साइबर खतरों के प्रति सजग बनाएगा, बल्कि एक ऐसी प्रणाली भी विकसित करेगा, जो वैश्विक स्तर पर भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूत करेगा। इस अभ्यास के सफल क्रियान्वयन से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत भविष्य में किसी भी प्रकार के साइबर आक्रमण का प्रभावी रूप से सामना कर सकेगा।