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DIG का एक्शन, छतौनी थाना के 6 पुलिसकर्मी निलंबित

लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |

डीआईजी ने साफ कहा है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति या महिला के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मी बख्शे नहीं जाएंगे और उन पर सख्त कार्रवाई होगी।

पूर्वी चंपारण: चंपारण परिक्षेत्र में पुलिस की छवि को दागदार करने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई थी। मोतिहारी के छतौनी थाना क्षेत्र में वाहन जाँच के दौरान एक महिला के साथ पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि उसके पति के साथ भी मारपीट की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, पुलिस उपमहानिरीक्षक ने घटना स्थल का निरीक्षण कर पीड़ित महिला से बनकट निवासी उसके पति पिंटू कुमार से बातचीत कर सख्त कार्रवाई करते हुए आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को एक साथ निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि पुलिस की बर्बरता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

क्या थी वो काली रात?

यह घटना रविवार को शहर के बरियारपुर स्थित चीनी मिल के पास घटी। रात के अँधेरे में पुलिसकर्मी रूटीन वाहन चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान, एक दम्पति अपनी बाइक से वहाँ से गुजर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया। अँधेरा होने के कारण बाइक चालक थोड़ा आगे जाकर रुका, जिससे पुलिसकर्मियों का पारा चढ़ गया।

वीडियो में साफ देखा जा सकता था कि एक पुलिसकर्मी ने बाइक चालक के साथ गाली-गलौज और बहस शुरू कर दी। जब बाइक पर पीछे बैठी महिला ने इसका विरोध किया, तो एक पुलिसकर्मी ने सारी हदें पार करते हुए महिला के साथ धक्का-मुक्की और दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मी जबरन दोनों को खींचकर पुलिस वैन में बैठाने की कोशिश कर रहे थे, जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो गया।

जनता का आक्रोश और पुलिस के खिलाफ हंगामा

पुलिस की इस बर्बरता को देख आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए। दम्पति के चिल्लाने पर भीड़ का गुस्सा भड़क उठा। आक्रोशित लोगों ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया और उनके खिलाफ जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर छतौनी थाना प्रभारी दल-बल के साथ मौके पर पहुँचे, लेकिन तब तक स्थिति काफी तनावपूर्ण हो चुकी थी। घंटों तक चले हंगामे और विरोध प्रदर्शन के बाद, स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। इस घटना ने एक बार फिर आम जनता के मन में पुलिस के प्रति अविश्वास पैदा कर दिया।

डीआईजी का सख्त संदेश और कठोर कार्रवाई

मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात छुट्टी पर थे, लेकिन उन्होंने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एक पुलिसकर्मी को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके बाद, डीआईजी चंपारण परिक्षेत्र, बेतिया ने खुद इस मामले की जाँच की। वायरल वीडियो को देखने के बाद उन्होंने इसे पुलिस की छवि पर एक गहरा धब्बा माना। घटना स्थल पर जाके उन्होंने पीड़ित महिला से बातचीत की तथा घटना स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने इस मामले में तत्काल और कड़े एक्शन लेते हुए छतौनी थानाध्यक्ष अमरजीत कुमार, अपर थानाध्यक्ष, दो पीएसआई, एक महिला दरोगा और होम गार्ड जवान समेत कुल एक दर्जन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

डीआईजी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि "अपराध और अपराधियों से समझौता नहीं, पर किसी निर्दोष और महिला के साथ पुलिस अगर ज्यादती करती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की छवि को धूमिल करने वाले ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

डीआईजी की यह कार्रवाई पुलिस के लिए एक कड़ा संदेश है कि जनता के साथ बदसलूकी और अमानवीय व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कानून का रखवाला ही अगर कानून तोड़ता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।