Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

G-20 में PM मोदी बोले: विकास के पैरामीटर्स पर फिर से विचार करना चाहिए।

विदेश डेस्क, नीतीश कुमार।

भारत ने जी 20 देशों से वैश्विक आर्थिक विकास के पैमानों पर दोबारा विचार करने की जरूरत बताते हुए कहा कि मौजूदा मानकों के चलते बड़ी आबादी संसाधनों से दूर रह गई है। भारत ने सुझाव दिया कि सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित एक ‘वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष’ तैयार किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां जी 20 के 20वें सम्मेलन में इस ‘वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष’ के अलावा स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ‘जी 20 वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया टीम’, तथा मादक पदार्थों और उससे जुड़े आतंक वित्तपोषण से लड़ने के लिए ‘जी 20 पहल’ का प्रस्ताव रखा। उन्होंने अफ्रीका के युवाओं को कौशल देने के लिए ‘जी 20 अफ्रीका कौशल पहल’ शुरू करने की भी बात कही।

प्रधानमंत्री ने जी 20 नेताओं से कहा कि वैश्विक संस्थाओं में ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में कौशल प्रवासन, पर्यटन, खाद्य सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवाचार और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति की सराहना की। मोदी ने कहा कि ‘नई दिल्ली जी 20 शिखर सम्मेलन’ में शुरू की गई ऐतिहासिक पहलों को यहां आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने दोहराया कि विकास के मौजूदा मानकों से बड़ी जनसंख्या संसाधनों से वंचित हुई है और अफ्रीका इसका प्रमुख प्रभावित क्षेत्र रहा है।

उन्होंने कहा, “पिछले कई दशकों में जी 20 ने वैश्विक वित्त और वैश्विक आर्थिक विकास को दिशा दी है। लेकिन विकास के जिन मानकों पर अब तक काम हुआ है, उनके कारण बहुत बड़ी आबादी संसाधनों से वंचित रह गई है। साथ ही, प्रकृति के अत्यधिक दोहन को भी बढ़ावा मिला है। अफ्रीका इसका बहुत बड़ा भुक्तभोगी है। आज जब अफ्रीका पहली बार जी 20 समिट की मेजबानी कर रहा है, तो यहां हमें विकास के पैरामीटर्स पर फिर से विचार करना चाहिए।”

समाधान बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका एक महत्वपूर्ण रास्ता भारत के सभ्यतागत मूल्यों में निहित है, जिसमें मानव, समाज और प्रकृति को एक समग्र रूप में देखने की आवश्यकता है। इससे विकास और प्रकृति दोनों के बीच संतुलन स्थापित हो सकता है।

उन्होंने कहा कि दुनिया के कई समुदायों ने अपनी पारंपरिक और पर्यावरण-संतुलित जीवनशैली को सुरक्षित रखा है। इन परंपराओं में सततता के साथ सांस्कृतिक ज्ञान, सामाजिक एकजुटता और प्रकृति के प्रति सम्मान भी स्पष्ट दिखता है।

मोदी ने भारतीय ज्ञान प्रणाली पहल के आधार पर एक ‘वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष’ बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “भारत का प्रस्ताव है कि जी 20 के तहत एक ‘वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष’ बनाया जाए। ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली पहल’ इसका आधार बन सकती है। यह वैश्विक मंच मानवता के ‘सामूहिक ज्ञान’ को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने में सहायक होगा।”