
नेशनल डेस्क, आर्या कुमारी |
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की खुदकुशी ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया है। नौ पन्नों के सुसाइड नोट में उन्होंने 15 वरिष्ठ IAS और IPS अफसरों पर जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए। मरने से पहले उन्होंने पत्नी अमनीत पी. कुमार को वसीयत की तस्वीर और सुसाइड नोट भेजा था। इसके बाद अमनीत ने विदेश से उन्हें 15 बार फोन किया, मगर उन्होंने कॉल नहीं उठाया।
चंडीगढ़ में 7 अक्टूबर को हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन कुमार ने अपने घर के बेसमेंट में खुद को गोली मार ली। एक दिन पहले 6 अक्टूबर को उन्होंने वसीयत तैयार की थी, जिसमें पूरी संपत्ति पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार के नाम कर दी थी। इसी के साथ उन्होंने नौ पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और पत्नी को भेजा।
अमनीत पी. कुमार ने किए 15 कॉल, बेटी को भेजा घर
उस वक्त अमनीत पी. कुमार जापान में सीएम नायब सिंह सैनी के साथ सरकारी दौरे पर थीं। जब पूरन कुमार ने सुसाइड नोट और वसीयत भेजी, तो उन्होंने घबराकर 15 बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। चिंतित होकर उन्होंने अपनी छोटी बेटी अमूल्या को पिता के पास भेजा।
कुक को कहा था- डिस्टर्ब मत करना
घर के कुक प्रेम सिंह ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे पूरन कुमार ने कहा था कि वह बेसमेंट में जा रहे हैं और उन्हें परेशान न किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आज वे अपने पालतू कुत्ते को नहीं टहलाएंगे। करीब 11 बजे थोड़ी देर ऊपर आए, खाना मंगाया और फिर दोबारा नीचे चले गए। इस बीच उनकी पत्नी लगातार कॉल कर रही थीं, मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया।
15 IAS-IPS पर जातिगत भेदभाव के आरोप
सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने 15 वरिष्ठ और पूर्व IAS-IPS अफसरों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान के आरोप लगाए। इनमें चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी, डीजीपी शत्रुजीत कपूर, पूर्व चीफ सेक्रेटरी टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व एसीएस (गृह) राजीव अरोड़ा, पूर्व डीजीपी मनोज यादव और पी.के. अग्रवाल समेत नौ वरिष्ठ आईपीएस के नाम शामिल हैं।
उन्होंने लिखा कि उन्हें बार-बार अपमानित पोस्टिंग दी गई, शिकायतें अनसुनी की गईं और झूठे केस बनाकर मानसिक रूप से तोड़ा गया। उन्होंने बताया कि मंदिर जाने तक पर उन्हें निशाना बनाया गया और पिता की मृत्यु से पहले छुट्टी नहीं दी गई, जिसे उन्होंने “अपूर्णीय क्षति” कहा।
नोट में यह भी कहा गया कि शिकायतें दबा दी गईं या उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल की गईं। उनका वेतन और एरियर रोका गया, वाहन को लेकर सवाल उठाए गए और फर्जी रिपोर्टें फैलाई गईं। उन्होंने यह भी लिखा कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर एसपी नरेंद्र बिजरानिया को ‘ढाल’ बनाकर उनके खिलाफ केस बना रहे थे, जबकि आईपीएस माटा रवि किरण की आपत्तिजनक भाषा उनके लिए अंतिम ट्रिगर साबित हुई।
IAS पत्नी ने पोस्टमार्टम से किया इनकार
विदेश से लौटने के बाद अमनीत पी. कुमार ने सेक्टर 11 थाने में शिकायत दी है। उन्होंने डीजीपी और रोहतक एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, उन्हें गिरफ्तार करने और SC/ST एक्ट व धारा 108 (abetment to suicide) में केस चलाने की मांग की। साथ ही उन्होंने पति का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक आरोपियों की जवाबदेही तय नहीं होती, वे इसकी अनुमति नहीं देंगी।