
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
ईरान के मिसाइल हमले से इजराइल के कई शहर दहले, हाइफा में 23 लोग घायल; ईरान ने कहा – इजराइल हमले रोके तो बातचीत को तैयार
शुक्रवार शाम ईरान ने इजराइल के प्रमुख शहरों तेल अवीव, बीर्शेबा और हाइफा पर एक बार फिर मिसाइलें दागीं। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हाइफा में मिसाइल गिरने से 23 नागरिक घायल हुए, जिनमें से तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिनमें एक 16 वर्षीय किशोर भी शामिल है।
इससे पहले सुबह ईरान ने बीर्शेबा में माइक्रोसॉफ्ट के कार्यालय के पास एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी। इस हमले में कई कारें जल गईं और आसपास के घरों को भी क्षति पहुंची। गुरुवार को भी ईरान ने बीर्शेबा स्थित एक अस्पताल को निशाना बनाया था, जिससे 50 से अधिक लोग घायल हुए थे।
ईरानी विदेश मंत्री ने जेनेवा में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यदि इजराइल हमले बंद करता है, तो ईरान बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शांति की कोई भी संभावना तभी बन सकती है, जब इजराइल अपनी सैन्य कार्रवाई रोक दे।
जंग के आठवें दिन भारत के लिए खोला ईरानी एयरस्पेस;
ईरान और इजराइल के बीच युद्ध अब आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस बीच ईरान ने भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया है। भारत सरकार ‘ऑपरेशन सिंधु’ के अंतर्गत अगले दो दिनों में तीन विशेष चार्टर्ड उड़ानों के माध्यम से लगभग 1,000 भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने की योजना बना चुकी है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इन उड़ानों में से दो शुक्रवार रात और एक शनिवार दोपहर भारत पहुंचेगी। सभी फ्लाइट्स ईरान के मशहद शहर से उड़ान भरेंगी और दिल्ली में लैंड करेंगी। इससे पहले, 19 जून को 110 भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित भारत लाया गया था, जिन्हें लैंड बॉर्डर के जरिए निकाला गया था, क्योंकि 13 जून को इजराइल के हमले के बाद ईरान ने अपने एयरस्पेस को इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए बंद कर दिया था।
अमेरिकी चिंता: ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब;
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका को आशंका है कि ईरान अब परमाणु हथियार बनाने की पूरी क्षमता हासिल कर चुका है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि यदि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आदेश देते हैं, तो देश कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम तैयार कर सकता है।
लेविट ने यह भी बताया कि ईरान के पास आवश्यक सभी संसाधन मौजूद हैं, अब बस उच्चस्तरीय राजनीतिक स्वीकृति की आवश्यकता है। उनका कहना था कि यदि ईरान यह कदम उठाता है, तो यह न सिर्फ इजराइल, बल्कि अमेरिका और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा बन जाएगा।
युद्ध में दोनों ओर भारी क्षति;
वॉशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार संगठन के अनुसार, ईरान में अब तक 657 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2,037 लोग घायल हुए हैं। वहीं इजराइल की ओर से अब तक 24 लोगों की जान जा चुकी है और 600 से अधिक लोग घायल हैं।