
नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
महेंद्र सिंह धोनी का ₹100 करोड़ मानहानि मुकदमा शुरू: मद्रास उच्च न्यायालय ने ट्रायल का आदेश दिया
पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ₹100 करोड़ के मानहानि मामले में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। मद्रास उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि इस लंबे समय से लंबित मुकदमे की सुनवाई अब औपचारिक रूप से शुरू की जाए। यह मामला वर्ष 2014 में दायर किया गया था, जब धोनी ने पत्रकार सुधीर चौधरी, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार और न्यूज नेशन नेटवर्क के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले में उनका नाम घसीटकर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई और झूठी व अपमानजनक खबरें प्रसारित कीं।
करीब 11 वर्षों से यह मामला अदालत में लंबित था क्योंकि प्रतिवादी पक्ष ने विभिन्न कानूनी प्रक्रियाओं और अपीलों के माध्यम से ट्रायल की शुरुआत को लगातार टाल दिया। अब न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि मुकदमे की सुनवाई तुरंत शुरू की जाए। अदालत ने धोनी की सार्वजनिक पहचान और सुरक्षा को देखते हुए उन्हें अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से बचाने के लिए एक एडवोकेट कमीशनर नियुक्त किया है, जो उनका बयान दर्ज करेगा।
धोनी ने अदालत को यह भी सूचित किया है कि वे इस वर्ष 20 अक्टूबर से 10 दिसंबर के बीच गवाह के रूप में उपलब्ध रहेंगे और इस अवधि में उनका क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन भी किया जा सकेगा। अदालत का यह आदेश न केवल इस विशेष मामले में न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उच्च प्रोफ़ाइल मामलों में न्यायपालिका समय पर और संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेने की कोशिश कर रही है।
यह मुकदमा धोनी की कानूनी लड़ाई में एक अहम मोड़ है। लंबे समय से चल रहे विवाद को अब निर्णायक दिशा मिलने की संभावना है, जिसमें धोनी अपने नाम पर लगे बेबुनियाद आरोपों से पूरी तरह मुक्त होने और अपनी गरिमा की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। अदालत के आदेश से यह उम्मीद बंधी है कि आने वाले महीनों में इस मामले में ठोस प्रगति होगी और लगभग एक दशक से लंबित यह विवाद अब अपने निष्कर्ष की ओर बढ़ेगा।