
स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 11 अक्टूबर 2025 को राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह क्षेत्र दशकों से यादव परिवार का राजनीतिक केंद्र रहा है। राघोपुर सीट आरजेडी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। लालू प्रसाद यादव ने यहां से दो बार जीत हासिल की, राबड़ी देवी तीन बार विजयी रहीं, और वर्तमान में तेजस्वी यादव इसी सीट से विधायक हैं। तेजस्वी ने पहले भी यहां से दो बार चुनाव जीता है और अब विपक्षी नेता के रूप में कार्य कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने दावा किया कि यदि वे राघोपुर से चुनाव लड़ते हैं तो "तेजस्वी को भागना पड़ेगा।" उनका कहना है कि तेजस्वी को हार के डर से दो सीटों से चुनाव लड़ना पड़ सकता है, जैसा कि राहुल गांधी को अमेठी में करना पड़ा था।
किशोर ने राघोपuर की स्थितियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, 15 वर्षों के प्रतिनिधित्व के बावजूद यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। स्कूलों, अस्पतालों और सड़कों की कमी इस क्षेत्र की मुख्य समस्याएं हैं।
प्रशांत किशोर ने व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम चलाया। उन्होंने रुस्तमपुर चौक, कबीर चौक, पहाड़पुर और प्रखंड कार्यालय क्षेत्रों का दौरा किया। विशेष रूप से महिलाओं से मुलाकात कर उन्होंने स्थानीय समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
स्थानीय निवासियों ने गंगा दीवारा क्षेत्र में नियमित बाढ़ की समस्या और प्रतिनिधि की गैर-मौजूदगी की शिकायत की। माता महारानी मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उन्हें पारंपरिक स्वागत मिला।
जन सुराज पार्टी में निर्णय लेने की प्रक्रिया जनता की राय पर आधारित है। प्रशांत किशोर ने बताया कि 12-13 अक्टूबर की केंद्रीय समिति की बैठक में राघोपुर सहित अन्य सीटों के उम्मीदवारों का फैसला होगा। पार्टी ने पहले से ही 51 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
प्रशांत किशोर ने एनडीए के चार प्रमुख नेताओं - सम्राट चौधरी, मंगल पांडे, दिलीप जायसवाल और अशोक चौधरी - को खुली चुनौती दी है। ये नेता पहले उन पर कानूनी कार्रवाई कर चुके हैं। उन्होंने इन नेताओं से अपनी चुनावी योजना स्पष्ट करने को कहा है।
भोजपुरी कलाकार पवन सिंह के चुनाव न लड़ने के मामले में किशोर ने स्पष्ट किया कि यह उनके प्रभाव का नतीजा नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत पारिवारिक कारण हैं।
प्रमुख समाचार संस्थानों ने इसे बिहार चुनाव का महत्वपूर्ण मोड़ बताया है। सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आईं हैं।
समर्थकों ने प्रशांत किशोर को परिवर्तन का प्रतीक माना है और तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। विरोधियों ने उन्हें बाहरी व्यक्ति करार देते हुए यादव परिवार की जड़ों पर जोर दिया है।
यह घोषणा बिहार की राजनीति में नया आयाम जोड़ती है। जन सुराज पार्टी का दावा है कि वे 243 में से 200 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। यदि प्रशांत किशोर राघोपुर से चुनाव लड़ते हैं, तो यह यादव परिवार के लिए गंभीर परीक्षा होगी।
आरजेडी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आ गई है। यह विकास 2025 के विधानसभा चुनाव को और भी रोचक बना रहा है।