
स्टेट डेस्क, एन.के. सिंह |
मंदिर के लिए वोट दोगे तो रोज़गार कहां से लाओगे: प्रशांत किशोर
लोगों से अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट देने की अपील की, ताकि उन्हें पढ़ाई और रोजगार मिल सके।
पूर्वी चंपारण: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण जिले के ढाका उच्च विद्यालय के खेल मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नेताओं और मंत्रियों पर तीखा तंज कसा। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं आपको आपकी गरीबी और बदहाली का कारण दिखाऊंगा और उससे निकलने का रास्ता और उपाय भी बताऊंगा। उन्होंने कहा कि मेरा भाषण खत्म होने के बाद कोई आदमी आपस में बात नहीं करेगा, कोई शोर नहीं होगा, कोई ताली भी नहीं बजेगी।
उन्होंने लोगों से कहा कि सब आदमी को हाथ उठाकर हां या ना में जवाब देना है। उन्होंने कहा, "हाथ क्यों उठा रहे हैं, एक बार हाथ में ही तो सब दम है। यह हाथ से जब बटन दबाते है आपलोग तो कोई राजा बन जाता है । तो सब आदमी एक बार जरा सोचकर बताइए, और कुछ हो या ना हो, आपके लिए आपके बच्चों के लिए बढ़िया पढ़ाई और रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए कि नहीं?" लोगों ने हाँ में जवाब दिया। उन्होंने आगे कहा कि अभी आपने देखा अपनी दुर्दशा का कारण। यहां का आदमी कितना होशियार बन रहा है। आप चाहे पढ़े-लिखे हों या अनपढ़, हिंदू हों या मुसलमान, अगड़े हों या पिछड़े, अमीर हों या गरीब, महिला हों या पुरुष, युवा हों या बुजुर्ग, सबने कहा कि हमें बढ़िया पढ़ाई और रोजगार ही चाहिए। प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे वोट की कोई जरूरत नहीं है, अगर आपके लिए बढ़िया पढ़ाई और रोजगार की व्यवस्था हो जाए तो कोई मुखिया बने, कोई विधायक बने, लालू बने, नीतीश बने, मोदी बने या प्रशांत किशोर बने, अगर आपके बच्चों के लिए पढ़ाई और रोजगार हो जाए तो आपका जीवन सुधर जाएगा। यह बात आपको पहले से पता है, और अब आपको दिखाते हैं आपकी बर्बादी का कारण।
शिक्षा और रोजगार के लिए वोट नहीं दिया
किशोर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सब लोग एक बार अपने-अपने बच्चों का चेहरा याद कर लें और अपने बच्चों के नाम पर एक बार ईमानदारी से बताएं कि आप में से किसने जीवन में एक बार भी अपने बच्चों के लिए, उनकी पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट दिया है। यह सुनकर पूरी जनता चुप हो गई, जैसा कि उन्हें बिजली का झटका लगा हो। उन्होंने कहा, "अभी कितना जोर से बोले कि हाँ, भैया, पढ़ाई और रोजगार होना चाहिए। गुजरात के हर गांव में फैक्ट्री लग रही है और पूरे बिहार से, चंपारण से, ढाका से आपके और हमारे बच्चे गुजरात में जाकर नौकरी-मजदूरी कर रहे हैं कि नहीं? आपने किस बात पर वोट दिया कि आपको यह नहीं मिला? आपने कहा कि अपने बच्चों के नाम पर कि आपने अपने जीवन में अपने बच्चों के लिए पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट नहीं दिया। मैं यही जादू दिखाने आया हूँ, मैं वोट नहीं मांग रहा हूँ, मैं यही जादू दिखा रहा हूँ।
वोट के बदले क्या मिला?
उन्होंने कहा, "बोओगे बबूल तो आम कहां से खाओगे, जब आपने 5 किलो अनाज के लिए वोट दिया तो रोजगार कहां से मिलेगा? आपने जाति के नाम पर वोट दिया तो आपके लिए पढ़ाई कहां से होगी? आपने अनाज के लिए वोट दिया तो 4 किलो अनाज मिलने लगा। आपने मंदिर के लिए वोट दिया तो अयोध्या में मंदिर बन गया। आपने बिजली के लिए वोट दिया तो घर-घर बिजली आ गई। आपने सिलेंडर के लिए वोट दिया तो घर-घर सिलेंडर भर गया। आपने जाति के लिए वोट दिया तो घर-घर जाति की चर्चा हो गई। आपने गुजरात के विकास के लिए वोट दिया तो गुजरात के गांव-गांव में फैक्ट्री लग गई। आपने अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट नहीं दिया, इसीलिए पूरा बिहार का बच्चा अनपढ़ और मजदूर बन गया। मैं यही बात बताने आया हूँ।"
गरीबी से निकलने का रास्ता
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, "गरीबी से निकलने का रास्ता है, उसे सीख लें, और जिसे समझ में आए उसे वोट दें। लेकिन जो रास्ता अभी मैं बताऊंगा, अगर आप वैसे वोट देंगे तो और कुछ हो या ना हो, आपके लिए, आपके बच्चों के लिए बढ़िया पढ़ाई और रोजगार की व्यवस्था यहीं पर हो जाएगी। तो जिसको जिसको यह रास्ता सीखना है, सीख लें।" उन्होंने कहा, "कोई गाली देगा नीतीश को, कोई मोदी को, कोई कांग्रेस को, कोई मुखिया को, कोई विधायक को, मेरे भाई आपने तो अपने बच्चों के लिए, उनकी पढ़ाई और रोजगार के लिए तो वोट दिया ही नहीं तो दूसरे को दोष क्यों देते हैं?" उन्होंने अंत में कहा, "अब कोई खड़ा होकर कहेगा कि सर क्या गारंटी है कि हम अपने बच्चों के लिए वोट देंगे तो हम लोगों का जीवन सुधरेगा? बिल्कुल इसकी गारंटी है। जिसको वोट देना है दीजिए, लेकिन अपने बच्चों के लिए वोट देंगे तो आपको रोजगार मिलेगा ही मिलेगा। मेरी बात पर भरोसा नहीं करना है, अपनी आंखों के सामने जादू देखिए कि आपके बच्चों को पढ़ाई और रोजगार कैसे मिलेगा। दूसरे सवाल का जवाब दीजिए और 2 मिनट में जादू देखिए।" उन्होंने लोगों से हाथ उठाकर पूछा कि क्या नेताओं ने आपका काम किया है। जनता ने जोरदार आवाज में 'नहीं' कहा। उन्होंने कहा, "आज तक जिस भी नेता को वोट दिया, उसने हमारा काम नहीं किया।" लेकिन यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है, आप किसको किस लिए वोट दे रहे है। कार्यक्रम को संबोधित करने वाले नेताओं में, डॉ एलवी प्रसाद, अधिवक्ता अमित कुमार, इंजीनियर संजय सिंह, पूर्व मुखिया मुन्ना सिंह, और सांस्कृतिक कार्यक्रम में छैला बिहारी, ने लोगों को रंगारंग कार्यक्रम के माध्यम से मोहित किया।