
नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को दो बड़ी रेलवे परियोजनाओं का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ करेंगे। एक ओर वे मढ़ौरा रेल फैक्ट्री में निर्मित लोकोमोटिव इंजनों के अफ्रीकी देश गिनी को होने वाले निर्यात को हरी झंडी दिखाएंगे, तो दूसरी ओर पाटलिपुत्र जंक्शन से गोरखपुर जंक्शन के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का भी उद्घाटन करेंगे।
मढ़ौरा रेल फैक्ट्री से गिनी को भेजे जाएंगे 143 इंजन
मढ़ौरा रेल फैक्ट्री में निर्मित आधुनिक लोकोमोटिव इंजनों को विदेशों में भेजने की दिशा में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। एक समझौते के तहत अब अफ्रीकी देश गिनी को 143 लोकोमोटिव इंजनों की आपूर्ति की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी इस निर्यात परियोजना का 20 जून को वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ अभियान को मजबूती देगा।
मढ़ौरा रेल फैक्ट्री लंबे समय से इंजनों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अब उसका उत्पादन वैश्विक स्तर पर भारतीय रेलवे की तकनीकी ताकत को प्रदर्शित करेगा। इस परियोजना से बिहार के औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
वंदे भारत ट्रेन से जुड़ेंगे बिहार और उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण शहर
प्रधानमंत्री मोदी 20 जून को सीवान में प्रस्तावित रैली से वर्चुअल माध्यम से जुड़कर पाटलिपुत्र-गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का भी शुभारंभ करेंगे। इस ट्रेन के लोकार्पण को लेकर पाटलिपुत्र जंक्शन पर तैयारियां जोरों पर हैं। संभावना है कि इसका ट्रायल रन मंगलवार या बुधवार को किया जाएगा।
यह वंदे भारत ट्रेन आठ कोचों वाली होगी और सप्ताह में छह दिन संचालित की जाएगी। ट्रेन का प्राथमिक रखरखाव गोरखपुर में किया जाएगा। ट्रेन पाटलिपुत्र से गोरखपुर के बीच पांच से छह घंटे में सफर तय करेगी। इसके रास्ते में हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया और नरकटियागंज जैसे प्रमुख स्टेशनों पर इसका ठहराव निर्धारित किया गया है।
इस ट्रेन सेवा के शुरू होने से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के यात्रियों को तेज, आरामदायक और आधुनिक यात्रा सुविधा मिलेगी। इससे दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत होंगे।
रेल मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री द्वारा इन दोनों परियोजनाओं का शुभारंभ देश को आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम है। मढ़ौरा फैक्ट्री से लोकोमोटिव का निर्यात भारत की औद्योगिक क्षमता को दर्शाता है, जबकि वंदे भारत सेवा यात्रियों को विश्वस्तरीय ट्रेन सुविधा देने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
दोनों ही योजनाओं से बिहार के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। राज्य सरकार और रेल विभाग इसे ऐतिहासिक कदम मानते हुए जोरशोर से तैयारियों में जुटे हैं।