
विदेश डेस्क, नीतीश कुमार ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान घाना की राजधानी अक्करा में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर भी हस्ताक्षर हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान को भारत-घाना की गहरी मित्रता का प्रतीक बताया और कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ साझा बयान जारी करते हुए कहा कि भारत और घाना आतंकवाद को मानवता का शत्रु मानते हैं और इसके खिलाफ मिलकर काम करेंगे।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए यह समय संघर्ष का नहीं, संवाद और कूटनीति का है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को लेकर दोनों देशों की एकजुटता का ज़िक्र किया और पश्चिम एशिया तथा यूरोप में जारी संघर्षों पर चिंता जताई।
द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:
- डिजिटल लेन-देन और फिनटेक सहयोग: भारत, घाना को फिनटेक और UPI तकनीक के क्षेत्र में सहायता देगा।
- युवाओं को शिक्षा व प्रशिक्षण: ITEC और ICCR स्कॉलरशिप की संख्या दोगुनी की जाएगी; स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना होगी।
- स्वास्थ्य और चिकित्सा: भारत जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाएं उपलब्ध कराएगा।
- रक्षा और साइबर सुरक्षा: आर्मी ट्रेनिंग, समुद्री सुरक्षा, डिफेंस सप्लाई और साइबर सहयोग को मज़बूती दी जाएगी।
- ‘फीड घाना’ कार्यक्रम में समर्थन: भारत इस खाद्य सुरक्षा पहल में भागीदार बनेगा।
चार समझौते (MoUs) जिन पर हस्ताक्षर हुए:
- विदेश मंत्रालय स्तर पर संयुक्त आयोग की स्थापना
- पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में प्रशिक्षण और अनुभव साझा करना
- संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सहयोग
- उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता मानकों की स्थापना
घाना यात्रा के उद्देश्य:
- द्विपक्षीय व्यापार (वर्तमान में ₹25,000 करोड़ से अधिक) को अगले 5 वर्षों में दोगुना करना
- घाना से सोने के आयात को बढ़ावा देना
- ऊर्जा, रक्षा, शिक्षा और तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग
- अफ्रीकन यूनियन और ECOWAS के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करना
ऐतिहासिक संदर्भ:
घाना के स्वतंत्रता संग्राम के नायक क्वामे एन्क्रूमा गांधीजी के विचारों से प्रेरित थे। उन्होंने अहिंसा और नागरिक अवज्ञा के ज़रिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन चलाया। 1957 में घाना, उपनिवेशवाद से मुक्त होने वाला पहला अफ्रीकी देश बना, जिसने बाकी महाद्वीप को भी प्रेरणा दी।
आपसी सहयोग का इतिहास:
भारत और घाना वर्षों से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे के सहयोगी रहे हैं। कोविड महामारी के दौरान भारत ने घाना को 6 लाख वैक्सीन डोज़ भेजीं। घाना, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई और स्थानीय भारतीय समुदाय द्वारा पारंपरिक अंदाज़ में स्वागत किया गया।