
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव आयोग के इस कदम को एक साजिश बताया है और विरोध जताया है।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की दोबारा जांच एवं मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आपत्ति जताते हुए इसे "चुनावी साजिश" करार दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि इतनी कम समयावधि में विशेष गहन पुनरीक्षण करना व्यावहारिक नहीं है और इससे लाखों गरीबों के नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन, मुख्यालय प्रभारी महासचिव मुकुंद सिंह, और प्रदेश महासचिव मदन शर्मा ने चुनाव आयोग की बैठक में इस निर्णय का विरोध किया। उनका आरोप है कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए जिन दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे लाखों गरीब परिवारों के पास नहीं हैं। ऐसे में वे मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं।
पार्टी नेताओं का यह भी कहना है कि जब 2003 के बाद से अब तक विशेष गहन पुनरीक्षण नहीं हुआ, तो अचानक चुनाव से ठीक पहले यह कदम क्यों उठाया जा रहा है। उनका मानना है कि यह कदम चुनाव से पहले कुछ खास वर्गों को वंचित करने की साजिश है।
राजद ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह इस प्रक्रिया को स्थगित करे और सभी वर्गों को निष्पक्ष रूप से मतदान का अधिकार सुनिश्चित करे।